युद्ध से कम नहीं होगा कर्नाटक विधानसभा चुनाव, भाजपा जल्द करेगी शंखनाद
कर्नाटक का चुनावी कामकाज देख रहे नेताओं के साथ शाह ने कुछ दिन पहले भी बैठक की थी। जदएस और बसपा के बीच गठबंधन के नतीजे पर भी चर्चा हुई।
आशुतोष झा, नई दिल्ली। उत्तर पूर्व के तीन राज्यों में मतदान बाकी है। लेकिन भाजपा ने अभी से स्पष्ट कर दिया है कि अगले दो तीन महीने में होने वाला कर्नाटक चुनाव किसी युद्ध से कम नहीं होगा। अगले एक महीने में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश में चार बड़ी रैलियां कर सकते हैं। वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अगले सप्ताह लगातार तीन दिन वहीं प्रवास करेंगे। कोशिश यह है कि एक साथ संगठन और जनता दोनों स्तर पर संदेश जाए।
भाजपा की तैयारी से माना जा सकता है कि अगले सप्ताह ही वो कर्नाटक चुनाव का शंखनाद कर देगी और वह भी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के गृह क्षेत्र से ही। एक पखवाड़े पहले बीएस येद्दयुरप्पा की परिवर्तन यात्रा के समापन पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मैसूर में थे। अब 19 फरवरी को प्रधानमंत्री वहां से आधा दर्जन विकास योजनाओं को हरी झंडी दिखाएंगे। इसमें रेलवे, सड़क परियोजनाओं के साथ-साथ इएसआइ हास्पिटल भी शामिल होगा।
27 फरवरी को वह सेंट्रल कर्नाटक के दावनगेरे में किसानों की रैली को संबोधित करेंगे। इस रैली को दो नजरिए से देखा जा रहा है। एक तरफ जहां किसानों को संदेश दिया जाएगा। वहीं भाजपा के अंदर मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येद्दयुरप्पा के विरोधियों के लिए भी संदेश हो सकता है। दरअसल, 27 फरवरी येद्दयुरप्पा का 75वां जन्मदिन होगा। उस दिन पीएम की मौजूदगी को प्रदेश में अंदर खास नजर से देखा जा रहा है।
ध्यान रहे कि भाजपा में 75 की आयु को लेकर काफी चर्चा रही है। छिपे तौर पर येद्दयुरप्पा के खिलाफ कुछ प्रदेश नेता मोर्चा खोले बैठे हैं। उन्हें संदेश होगा। 4 मार्च को वह बीजापुर में होंगे और 13 मार्च को रायचूर में। सूत्रों की मानी जाए तो अलग अलग क्षेत्र में होने वाली इन चार रैलियों के जरिए ही प्रधानमंत्री लगभग दो सौ विधानसभा सीटों को संबोधित करने की कोशिश करेंगे। इस लिहाज से वह चुनाव घोषणा से पहले ही कर्नाटक के हर क्षेत्र में दौरा कर चुके होंगे।
रोचक तथ्य यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पहले दौरे में हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र का दौरा किया था, जिसमें रायचूर शामिल था। माना जा रहा है कि 24 फरवरी से वह मुंबई -कर्नाटक क्षेत्र में रैलियां कर सकते हैं जिसमें बीजापुर आता है। अपने आगामी दौरे में प्रधानमंत्री इन दोनों स्थानों पर रैली कर राहुल पर पलटवार कर सकते हैं।
संगठन को भी आखिरी वक्त तक ठोक बजाकर दुरुस्त रखा जाएगा। प्रधानमंत्री के दौरे के साथ ही शाह भी कर्नाटक में संगठन के ढीले तारों को कस रहे होंगे। बताते हैं कि वह 19 फरवरी से 22 फरवरी तक तटीय कर्नाटक में मौजूद होंगे। वह पार्टी कार्यकर्ताओं की रैली, मीटिंग के साथ साथ हाल में मारे गए हिंदू कार्यकर्ता के आवास पर भी जा सकते हैं।
बताते हैं कि कर्नाटक का चुनावी कामकाज देख रहे नेताओं के साथ शाह ने कुछ दिन पहले भी बैठक की थी। जदएस और बसपा के बीच गठबंधन के नतीजे पर भी चर्चा हुई। सूत्रों की मानी जाए तो भाजपा को यह भरोसा है कि वर्तमान स्थिति में ही पार्टी कांग्रेस पर बढ़त में है। ऐसे में प्रधानमंत्री का दौरा और संगठन पर शाह की नजर 150 प्लस के लक्ष्य के लिए जरूरी होगी।