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Jammu Kashmir Politics: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की बैठक आज, प्रशासन से मांगी अनुमति

पीडीपी के महासचिव ने मंडलायुक्त व आइजीपी से बैठक के लिए अनुमति मांगी कश्मीर में संगठनात्मक गतिविधियां शुरू करने का फैसला

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 09:42 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 09:42 AM (IST)
Jammu Kashmir Politics: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की बैठक आज, प्रशासन से मांगी अनुमति
Jammu Kashmir Politics: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की बैठक आज, प्रशासन से मांगी अनुमति

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नेशनल कांफ्रेंस के बाद अब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भी कश्मीर में संगठनात्मक गतिविधियां शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए बृहस्पतिवार को पार्टी मुख्यालय में बैठक होने जा रही है।

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पीडीपी महासचिव ने मंडलायुक्त व आइजीपी कश्मीर से अनुमति मांगी है। अगर अनुमति मिलती है तो यह बीते साल में पीडीपी की पहली आधिकारिक संगठनात्मक बैठक होगी। बैठक में गुपकार घोषणा और जम्मू- कश्मीर के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर विचार विमर्श कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

पीडीपी के महासचिव और पूर्व कृषि मंत्री गुलाम नबी लोन हंजूरा ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता पूर्व राजस्व मंत्री अब्दुल रहमान वीरी करेंगे। हमारे कई नेता अपने घरों में नजरबंद हैं और बैठक में शामिल होने के लिए प्रशासन से आग्रह कर चुके हैं। हमने जिला उपायुक्त श्रीनगर व जिला एसएसपी से भी अनुमति देने का आग्रह किया है। उम्मीद है कि प्रशासन हमें बैठक की अनुमति देगा।

प्रदेश प्रशासन ने पांच अगस्त 2019 को पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती समेत लगभग सभी प्रमुख नेताओं को हिरासत में लिया था या नजरबंद बनाया था। बाद में अधिकांश नेताओं को रिहा कर दिया गया, जबकि महबूबा मुफ्ती जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत कैद हैं। उनसे मुलाकात के लिए बीते दिनों उनके पार्टी सहयोगियों ने प्रशासन से अनुमति देने का लिखित आग्रह किया था।

जानकारी हो कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के चार वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को अधिकारियों से अनुरोध किया था कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष और जम्मू- कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मिलने दिया जाए। पिछले साल राज्य में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किये जाने के बाद से महबूबा लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में हैं।  श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी को लिखे एक पत्र में पीडीपी नेताओं ने कहा कि देश के लोकतंत्र के तहत महबूबा को आगंतुकों से मिलने का अधिकार है।

गुलाम नबी लोन, अब्दुल रहमान वीरी, खुर्शीद आलम और एजाज मीर ने अपने पत्र में कहा, “पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद 370 को अवैध रूप से रद्द किये जाने और बाद में राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटने के बाद अगस्त 2019 से ही जेल में हैं। दुर्भाग्य से हमारे कई प्रयासों के बावजूद राज्य प्रशासन ने हमें तबसे ही उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी है। महबूबा को उनके फेयरब्यू आवास पर हिरासत में रखा गया है जिसे सहायक जेल घोषित किया जा चुका है। नेताओं ने कहा कि राजनीतिक बंदी के तौर पर पीडीपी अध्यक्ष के कुछ अधिकार हैं जो छीने नहीं जा सकते। उन्होंने पत्र में कहा, “कानूनी सहायता और पर्याप्त चिकित्सा सुविधा के अलावा इनमें हफ्ते में कम से कम दो बार आगंतुकों से मुलाकात शामिल है और मुझे विश्वास है कि संविधान के मुताबिक महबूबा मुफ्ती को भी ये हक पाने का अधिकार है।


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