जम्मू-कश्मीरः दो महीने से नजरबंद फारूक अब्दुल्ला से मिला नेशनल कांफ्रेंस का प्रतिनिधिमंडल
National Conference. नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा और पार्टी के पूर्व विधायकों सहित कार्यकर्ताओं का 15 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर पहुंच गया है।
जम्मू, जेएनएन। नेशनल कांफ्रेंस (नेका) के प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा और पार्टी के पूर्व विधायकों सहित कार्यकर्ताओं का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के रविवार को डॉ फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में अजय सडोत्रा, सुरजीत सिंह सलाथिया, रतन लाल गुप्ता, रछपाल सिंह, सज्जाद किचलू, जावेद राणा, मुश्ताक बुखारी, रामपाल, एजाज जान, कश्मीरा सिंह, टीएस वजीर, विजय बकाया सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर सरकार ने नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं को पार्टी के प्रदेश प्रधान व उपप्रधान से श्रीनगर में जाकर मिलने की स्वीकृति दी थी। इससे पहले सुबह प्रतिनिधिमंडल में शामिल 15 सदस्यीय दल का फारूक अब्दुल्ला आैर उनकी पत्नी मौली ने मुस्कुराकर स्वागत किया। देवेन्द्र सिंह राणा ने कहा कि वे सभी खुश हैं कि डाॅ फारूक साहब आैर उनकी पत्नी दोनों स्वस्थ हैं। सभी को उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने सभी को गले लगाया आैर हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन भी किया। इस दौरान सुरक्षा के कडे बंदोबस्त किए गए थे।
नेशनल कांफ्रेंस के प्रदेश प्रधान व सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला को करीब दो महीनों से श्रीनगर स्थित उनके आवास में बंद रखा गया है। 5 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने व उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद से ही डॉ फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला को नजर बंद किया गया है। उमर अब्दुल्ला हरि निवास में हैं। जम्मू-कश्मीर के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला पर बाद में जिला प्रशासन ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लागू कर दिया था।
नेशनल कांफ्रेंस प्रधान डॉ फारूक अब्दुल्ला पर आरोप है कि वह भड़काऊ बयानबाजी कर लोगों को सरकार और देश खिलाफ लामबंद कर कानून व्यवस्था का संकट पैदा कर सकते हैं। इसके साथ ही उन पर आतंकवादियों और अलगाववादियों को बढ़ावा देने वाली बयानबाजी करने का आरोप भी है। जम्मू में नजरबंद किए गए नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं के रिहा होने के बाद प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा ने जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे बीडीसी चुनावों पर चर्चा करने के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में प्रस्ताव पारित करते हुए सभी नेताओं ने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द, एकता, भाईचारे और लोकतंत्र को मजबूत बनाने का निर्णय लेते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक से पार्टी प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला और प्रदेश उपप्रधान उमर अब्दुल्ला से मुलाकात करने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने तर्क दिया कि केंद्र सरकार ने बीडीसी चुनाव घोषित कर दिए हैं परंतु जब तक वे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से इस बारे में बातचीत नहीं करेगे वह भविष्य की रणनीति कैसे तय कर पाएंगे।
उन्होंने यह भी हवाला दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के लिए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) हमेशा प्रयासरत रही है। पिछले दो माह में राज्य में राजनीतिक गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ी हुई थी। कश्मीर में पार्टी के शीर्ष नेताओं पर अभी भी पाबंदियां जारी हैं। राणा ने अफसोस जाहिर किया कि मौजूदा सांसद, पांच बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. फारूक अब्दुल्ला पर पीएसए लगा दिया गया है। जबकि उन्होंने राज्य में शांति, विकास को मजबूत बनाने में अहम योगदान दिया है। राणा के इस अनुरोध पर सरकार ने पार्टी के मुख्य नेताओं को डॉ फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से मिलने की अनुमति दे दी।