Jammu And Kashmir: पीएसए हटा, साढ़े सात महीने बाद रिहा हुए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला
Farooq Abdullah. करीब साढ़े सात माह के बाद रिहा होते ही डॉ. फारूक ने दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला महबूबा मुफ्ती के अलावा सभी राजनीतिक नेताओं की रिहाई की मांग की।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला पर लगाए जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) को समाप्त कर दिया। करीब साढ़े सात महीने के बाद रिहा होते ही डॉ. फारूक ने दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के अलावा सभी राजनीतिक नेताओं की रिहाई की मांग की है।
शुक्रवार दोपहर को राज्य के गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर डॉ. फारूक की रिहाई पर मुहर लगाई। जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने डॉ. फारूक के घर जाकर रिहाई के दस्तावेज सौंपे। अचानक हुई डॉ. फारूक की रिहाई ने जितना चौकाया, उससे ज्यादा हैरानगी उनकी मौजूदा हालात पर चुप्पी को लेकर हुई।
पत्नी मौली, बेटी साफिया अब्दुल्ला और नाती समेत परिवार के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में पत्रकारों से रूबरू होते हुए डॉ. फारूक ने कहा कि मैं संसद में जम्मू-कश्मीर के लोगों की बात उठाऊंगा। वह जल्दबाजी में कोई सियासी कदम नहीं उठाने वाले, वह हालात का जायजा लेने के बाद नए सियासी एजेंडे को सार्वजनिक करेंगे। मैं जम्मू-कश्मीर के अवाम और देश के सभी नेताओं का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने हमारी रिहाई की आवाज उठाई है। बेशक मैं रिहा होने के बाद आपके सामने खड़ा हूं, लेकिन जब तक सभी राजनीतिक नेताओं की रिहाई नहीं होती यह आजादी अधूरी है। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार उमर, महबूबा और अन्य सभी सियासी नेताओं को जल्द रिहा करेगी।
डॉ. फारूक ने जम्मू-कश्मीर की बदली प्रशासनिक और संवैधानिक व्यवस्था के बीच आगे की राजनीति व ऑटोनामी जैसे मुद्दों से जुड़े सवाल टालते हुए कहा कि उमर और महबूबा जैसे नेताओं की रिहाई तक कोई सियासी बातचीत नहीं होगी। इस बारे में फैसला सभी नेताओं की रिहाई के बाद होगा। मैं सोमवार को संसद सत्र में हिस्सा लेने दिल्ली जाऊंगा। जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज उठाऊंगा और हक की बात करूंगा।
मेरे पिता आजाद हैं
डॉ. फारूक अब्दुल्ला के रिहा होने पर उनकी बेटी साफिया अब्दुल्ला खान ने ट्विटर पर अपनी खुशी जताते हुए लिखा मेरे पिता एक बार फिर आजाद हैं।
इन नेताओं ने मोदी-शाह से किया था आग्रह
पांच दिन पूर्व राकंपा अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्षा ममता बनर्जी, माकपा प्रमुख सीता राम येचुरी समेत विपक्ष के प्रमुख नेताओं ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को एक संयुक्त पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत प्रमुख राजनीतिक नेताओं की रिहाई का आग्रह किया था।
उमर-महबूबा की रिहाई की उम्मीद
डॉ. फारूक के पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अलावा पीडीपी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत नौ नेता पीएसए के तहत बंदी हैं। डॉ. अब्दुल्ला की रिहाई के बाद इन नेताओं को पीएसए से मुक्त किए जाने की संभावना प्रबल हो गई है।
पांच अगस्त को लिया था एहतियातन हिरासत में
नेकां के अध्यक्ष, तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री और श्रीनगर के सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला को पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू करने की घोषणा के मद्देनजर प्रशासन ने एहतियातन हिरासत में लिया था। इसके बाद सितंबर 2019 में उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाकर उनके घर में ही कैद कर दिया था।
#WATCH NC MP Farooq Abdullah released from detention, says," I'm grateful to people of the State&all leaders&people in the rest of the country who spoke for our freedom. This freedom will be complete when all leaders are released. I hope GoI will take action to release everyone". pic.twitter.com/zKS6EamydV — ANI (@ANI) March 13, 2020