अयोध्या मामलाः किसने कहा मुस्लिमों के खिलाफ फिर बन रहा 1992 जैसा माहौल
1992 जैसी भीड़ उमडऩे की आशंका से बाबरी के मुद्दई मो. इकबाल ने शिवसेना और विहिप के प्रस्तावित कार्यक्रमों के मद्देनजर अयोध्या से पलायन की चेतावनी दी है।
अयोध्या (जेएनएन)। बाबरी ढांचे के मुद्दई मो. इकबाल ने 24-25 नवंबर को शिवसेना और विहिप के प्रस्तावित कार्यक्रमों के मद्देनजर अयोध्या से पलायन की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि नवंबर की इन तारीखों पर अयोध्या में शिवसेना, विश्व हिंदू परिषद (विहिप), अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (अहिप) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की राम मंदिर को लेकर सक्रियता रहने की संभावना है। इनमें से शिवसेना प्रमुख का अयोध्या कूच कर रामलला के दर्शन करना भी शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक संतों से लेकर अहम हिंदूवादी संगठनों तक ने भीतरखाने तैयारियां तेज कर दी है। 25 नवंबर को बड़ी संख्या में संत और आम लोगों के अयोध्या पहुंचने की तैयारी हो रही है।
1992 जैसी भीड़ उमडऩे की आशंका
इकबाल ने कहा कि 24-25 नवंबर को दोनों कार्यक्रमों में वैसी ही भीड़ उमडऩे की आशंका हैं, जैसी छह दिसंबर 1992 को उमड़ी थी और उस समय न केवल बाबरी ध्वंस की गई, बल्कि अयोध्या के कई अन्य पूजास्थल तोड़े गए थे और लोगों के घर जलाए गए थे। बाबरी के मुद्दई ने कहा, यदि उनकी व अन्य स्थानीय मुस्लिमों की सुरक्षा नहीं तय की गई तो पलायन के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है।
फैसले में लगेंगे हजार साल
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन दे रही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे 25 नवंबर को अयोध्या आने का ऐलान कर चुके हैं। उनके आगमन से पहले पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत दो बार यहां का दौरा कर चुके हैं। अयोध्या पहुंचे शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनाने को लेकर अगर हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे तो इसमें हजार वर्ष से अधिक का समय लग सकता है।
25 हजार बजरंगियों की होगी भर्ती
मंदिर आंदोलन को पुन: प्रभावी बनाने और 25 नवंबर को प्रस्तावित धर्मसभा का कामयाब बनाने की जुगत में लगी विहिप अवध प्रांत में 25 हजार बजरंगदल कार्यकर्ताओं की भर्ती करेगी। विहिप के प्रांतीय संगठन मंत्री भालेंद्र ने बताया कि भावी कार्ययोजना को लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है और इसी क्रम में विहिप की अवध प्रांत, कानपुर प्रांत, गोरक्ष प्रांत एवं काशी प्रांत इकाई की अयोध्या के कारसेवकपुरम में बैठक की जा चुकी है। संघ के पदाधिकारियों के साथ भी समन्वयक बैठक कर भावी कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई।
इस बार करणी सेना भी सक्रिय
मंदिर निर्माण की दावेदारी में श्रीराजपूत करणीसेना भी शामिल हो गई है। समर्थकों के साथ बुधवार रामनगरी पहुंचे करणी सेना संस्थापक संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि राममंदिर की ओर हमारा ध्यान हाल ही में संशोधित एससी-एसटी कानून पारित होने के बाद गया। वह इसलिए कि यदि सुप्रीमकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर सरकार एससी-एसटी एक्ट का संशोधित कर सकती है तो मंदिर निर्माण का कानून क्यों नहीं बना सकती। मीडिया से मुखातिब लोकेंद्र ने कहा कि भगवान राम राजकुमार थे और उनका जन्म राजमहल में हुआ होगा। इसलिए रामजन्मभूमि पर राजमहल बनना चाहिए। यह काम करणीसेना करेगी। इसी जिम्मेदारी के तहत करणीसेना की ओर से सुप्रीमकोर्ट में रामजन्मभूमि की दावेदारी से जुड़ी याचिका विचाराधीन है।