'यूपी' पर निगाह से नजर में आए थे इमरान खान, पाकिस्तानी पीएम से पहले अन्य देशों से भी आई थीं भ्रामक पोस्ट
दुनिया के किसी भी कोने से सोशल मीडिया पर यूपी को लेकर की जा रहीं पोस्ट रडार पर हैं। इसी का नतीजा रहा कि पाकिस्तान के पीएम का आपत्तिजनक ट्वीट यूपी पुलिस की निगाह में आ गया।
लखनऊ [आलोक मिश्र]। 'यूपी'...सोशल मीडिया पर यह एक शब्द हिंदुत्ववादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड के बाद से खासी सुर्खियों में रहा है। अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद 'यूपी' और ऐसे कई की-वर्ड पुलिस के लिए सामाजिक और सियासी पारे को नापने का हथियार बने हैं। दुनिया के किसी भी कोने से सोशल मीडिया पर यूपी को लेकर की जा रहीं पोस्ट रडार पर हैं। इसी कसरत का नतीजा रहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का आपत्तिजनक ट्वीट पुलिस की निगाह में आ गया। दरअसल, इमरान खान के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से की गई पोस्ट में यूपी का जिक्र था।
यूपी पुलिस के 126 ट्विटर हैंडल के अलावा हर जिले में सोशल मीडिया सेल है। डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेल इनकी नोडल एजेंसी है, जो पिछले कुछ महीनों से बेहद व्यस्त है। 24 घंटे काम कर रही है, ताकि कहीं कोई पोस्ट चिंगारी न बन सके। यूं तो सितंबर 2016 से सोशल मीडिया सेल वजूद में है, लेकिन बीते दो सालों में उसके कामकाज का तरीका तेजी से बदला है। अब खासकर यूपी पुलिस फर्जी व भ्रांति फैलाने वाली पोस्टों पर काउंटर के लिए अपने यूपीपी वायरल चेक ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल कर रही है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के ट्वीट पर काउंटर से पहले पुलिस दुबई व अन्य देशों से किए गए भ्रामक ट्वीट पर पलटवार कर चुकी है। बीते कुछ दिनों में सीएए को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल भ्रामक जानकारियों से जुड़ी 15 से अधिक पोस्ट का खंडन कर पुलिस ने सही तथ्य साझा किए हैं। यूपी पुलिस के सभी ट्विटर हैंडल के 25 लाख से अधिक फॉलोवर हैं, जो उसके लिए कई सूचनाओं की मानीटरिंग व सही तथ्यों को साझा करने का बड़ा माध्यम भी है। सीएए को लेकर बढ़ी सरगर्मी के बाद से पिछले 28 दिनों में अकेले यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल के करीब 30 हजार फॉलोवर बढ़े हैं। इस हैंडल के आठ लाख से अधिक फॉलोवर हैं।
एसपी सोशल मीडिया मानीटरिंग सेल मु. इमरान का कहना है कि देश में करीब 40 करोड़ वॉट्सएप यूजर हैं। ट्विटर के 80 लाख से अधिक एक्टिव यूजर हैं। फेसबुक व सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर वायरल संदेशों में यूपी से जुड़ी पोस्टों की मानीटरिंग लगातार की जा रही है। भ्रामक पोस्टों के बारे मे विभिन्न श्रोतों से सही जानकारी जुटाकर उनका खंडन किया जाता है।
सभी एसपी को डीजीपी ने दिए निर्देश
डीजीपी ओपी सिंह ने सभी एसपी को देश अथवा प्रदेश के बाहर के वीडियो को यूपी का होने का बताकर की जा रही भ्रामक पोस्टों पर कड़ी नजर रखने व उनका तत्काल खंडन करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी का कहना है कि वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए सभी सोशल मीडिया सेल में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती करने के साथ ही उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है।