UP Hamirpur Assembly by poll results 2019 : भाजपा की सीट बरकरार, युवराज सिंह ने दर्ज की जीत
हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव की मतगणना शुरू हो गई है। यहां पर सुबह आठ बजे से कृषि उत्पादन मंडी परिसर में वोटो की गिनती हो रही है।
हमीरपुर, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा उप चुनाव में हमीरपुर सदर सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। हमीरपुर सदर से विधायक अशोक सिंह चंदेल की सदस्यता जाने के बाद 23 सितंबर को सम्नन उप चुनाव के मतदान में भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह ने बाजी मारी है।
कृषि उत्पादन मंडी परिसर में गुरुवार को मतगणना के पहले चक्र से ही बढ़त लेने वाले भारतीय जनता पार्टी के युवराज सिंह ने 26वें चक्र की मतगणना तक अजेय बढ़त बना ली थी। भाजपा के युवराज सिंह ने 74,409 मत पाकर सपा प्रत्याशी मनोज प्रजापति को 17,867 मतों से पराजित किया। मनोज को 56,542 मत ही मिले। बसपा का मुस्लिम-दलित दांव नहीं चला और पार्टी प्रत्याशी नौशाद अली 28,798 मत ही पा सके। कांग्रेस के हरदीपक निषाद चौथे नंबर पर रहे। उन्हें16,097 मत ही मिले। बसपा, कांग्रेस, सीपीआइ समेत सात प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा सके।
2017 में यह सीट भाजपा के अशोक सिंह चंदेल ने जीती थी। कत्ल में उम्रकैद होने के बाद चंदेल की सदस्यता रद होने के बाद यहां 23 सितंबर को वोट पड़े थे। मैदान में कुल नौ प्रत्याशी थे। शुक्रवार को सुमेरपुर मंडी परिसर में सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई तो भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह पहले ही राउंड में 300 मत से आगे हो लिए। यह बढ़त 14वें राउंड तक लगातार बढ़ती रही। 15वें से 17वें राउंड तक सपा प्रत्याशी ने भी जोर पकड़ा, लेकिन 18वें राउंड में फिर स्थित उलट हो गई। 25वें राउंड तक भाजपा की बढ़त 10 हजार पार हुई तो सपा समर्थकों में मायूसी छाने लगी। 34 राउंड चली गणना के बाद युवराज ङ्क्षसह 17,867 मतों से विजयी घोषित किए गए। 2294 मतदाताओं ने नोटा का भी प्रयोग किया। पड़े वैध मतों का छठवां हिस्सा (32,172) न जुटा पाने से सात प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई।
भाजपा समर्थकों ने सुमेरपुर नगर में आतिशबाजी की, जोशीले नारे भी लगाए। डीएम अभिषेक प्रकाश ने प्रेक्षक शमीमुद्दीन की मौजूदगी में युवराज सिंह को जीत का प्रमाणपत्र दिया। 2017 में भाजपा प्रत्याशी अशोक चंदेल ने 1,10,663 मत पाकर सपा के मनोज प्रजापति (61,917) को 48,746 मतों से हराया था।
सामूहिक हत्याकांड में भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल को उम्रकैद होने के कारण रिक्त हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर 23 सितंबर को मतदान के बाद शुक्रवार को मतगणना सुबह आठ बजे से शुरु हो गई। पहले एक घंटा में भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह ने बढ़त बना ली। यहां पर आज चार नौ प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो गया। जिनको लाख एक हजार 148 मतदाता में से 51 प्रतिशत ने वोट डाला। यहां 23 सितंबर को 257 मतदान केंद्र व 476 मतदेय स्थल पर मतदान हुआ था।
यहां पर भाजपा के युवराज सिंह ने बसपा के नौशाद अली, सपा के डॉ. मनोज कुमार प्रजापति व कांग्रेस के हर दीपक निषाद पर बढ़त बना ली। इस उपचुनाव में विपक्षी दलों के किसी बड़े नेता ने प्रचार नहीं किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह के समर्थन में प्रचार किया था। इस मुकाबले में सभी की निगाहें विपक्ष के परफॉरमेंस पर थी। 2014 के बाद से यह पहला मौका है जब सभी प्रमुख दाल अकेले मैदान में थे।
प्रत्याशियों को मिले मत
युवराज सिंह, भाजपा 74409
डॉ. मनोज कुमार प्रजापति, सपा 56542
नौशाद अली, बसपा 28798
हरदीपक निषाद, कांग्रेस 16097
राजाभइया, जनअधिकार पार्टी 5201
जमाल आलम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 3910
सुखपाल सिंह पाल, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी 2582
सुरेश कुमार वर्मा, प्रगतिशील समाज पार्टी 1648
हनुमान मिश्रा, भारतीय चेतना शक्ति पार्टी 1556।
टूट गया उप चुनाव में हार का सिलसिला
हमीरपुर सदर की सीट पर विधानसभा उप चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भाजपा ने पुराना सिलसिला तोड़ दिया है। बीते पांच वर्ष में लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का अनुभव अच्छा नहीं रहा था। 2014 के बाद विधानसभा और लोकसभा की 23 सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें से भाजपा को महज पांच सीटों पर ही जीत मिली। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी भाजपा का उपचुनावों में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। कानपुर की सिकंदराबाद विधानसभा सीट को छोड़कर उसे चार उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ा। इनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर लोकसभा सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा।
2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 71 लोकसभा सीटों पर कब्जा करने वाली भाजपा को उपचुनावों में लगातार हार का मुंह देखना पड़ा। 2014 के चुनाव में विधायकों के संसदीय चुनाव जीत जाने के कारण 12 सीटों पर चुनाव हुए तो भाजपा ने समाजवादी पार्टी के हाथों आठ सीट गवां दी थी। 2015 में भी भाजपा को दो उपचुनावों में शिकस्त झेलनी पड़ी और 2016 में तो पांच में से सिर्फ एक सीट ही भाजपा जीत पायी थी।
इसके बाद सूबे में योगी आदित्यनाथ सरकार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई। भाजपा उपचुनाव में अपने प्रदर्शन को नहीं बदल सकी। कानपुर की सिकंदराबाद विधानसभा सीट को छोड़कर भाजपा कोई सीट नहीं जीत पाई। गोरखपुर सहित चार उपचुनावों में हार भाजपा के लिए बड़ा झटका रहा। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। इस सीट से पांच चुनाव जीते थे वही हार गए। गोरखपुर के अलावा फूलपुर और कैराना लोक सभा उपचुनाव और नूरपुर विधानसभा के लिए चुनाव में भी भाजपा को हार मिली थी।