Coronavirus: राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल के मंत्रियों व विधायकों से भी वेतन में 30 फीसद कटौती की अपील की
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को राज्य के मंत्रियों और विधायकों से भी एक समान दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
कोलकाता, राज ब्यूरो। कोरोना वायरस (कोविड-19) से लड़ने के लिए सभी सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों के वेतन में कटौती के केंद्र के फैसले के बाद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को राज्य के मंत्रियों और विधायकों से भी एक समान दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
राज्यपाल ने ट्वीट किया, 'कोरोना से लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री, सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों के वेतन में 1 साल के लिए 30 फीसद की कटौती का केंद्र ने फैसला लिया है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व राज्यपालों ने भी एक सामाजिक कर्तव्य के रूप में स्वेच्छा से 1 साल तक 30 फीसद कम वेतन लेने की घोषणा की है।
मैं केंद्र की तर्ज पर बंगाल की मुख्यमंत्री से राज्य के मंत्रियों व विधायकों के भी वेतन में 30 फीसद की कटौती करने की अपील करता हूं ताकि इस धन का इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किया जा सके।' बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि वह बंगाल के मुख्यमंत्री के तौर पर कोई वेतन नहीं लेती हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल धनखड़ ने कोरोना से लड़ने के लिए हाल में पश्चिम बंगाल राज्य आपातकालीन राहत कोष में 10 लाख एवं पीएम केयर्स में 5 लाख का योगदान दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी राज्य राहत कोष में 5 लाख जबकि पीएम केयर्स में 5 लाख का सहयोग किया है।
बता दें कि सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट ने कोरोना के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री से लेकर सभी सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों के वेतन में 1 साल के लिए 30 फीसद तक की कटौती के अध्यादेश को मंजूरी दी। वहीं, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व राज्यपालों ने भी 30 फीसद कम वेतन लेने का ऐलान किया है।
तृणमूल कांग्रेस ने कहा- सांसद निधि पर रोक केंद्र सरकार की मनमानी
कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने कई फैसले लिए हैं। जिसमें सांसदों के वेतन में कटौती से लेकर सांसद निधि पर अस्थाई रूप से रोग लगा दी गई है। इसे लेकर एक तरफ कांग्रेस तो दूसरी ओर तृणमूल ने भी केंद्र सरकार के फैसले पर निशाना साध रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने सांसद निधि को अस्थाई रूप से रोकने के भाजपा नेतृत्व वाले केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए उसे ‘मनमाना और सनक भरा’ बताते हुए कहा कि इससे सांसद अपने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं कर पाएंगे।