Rajasthan: गहलोत सरकार लागू नहीं करेगी शराबबंदी
Liquor Ban in Rajasthan. सत्ता में आते ही अशोक गहलोत सरकार ने करीब एक साल पहले शराब बंदी लागू करने को लेकर अपनी मंशा जताई थी।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Liquor Ban in Rajasthan. राजस्थान में शराबबंदी लागू नहीं होगी। सरकार ने तय किया है कि शराबबंदी करने के स्थान पर शराब के दुष्परिणामों को लेकर प्रदेशभर में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। गांव की चौपाल, शहरों की विभिन्न कॉलोनियों एवं फैक्ट्रियों में सरकारी प्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम जाकर लोगों को शराब से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करेगी। प्रदेश में शराबबंदी को लेकर बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष और प्रदेश के उर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने "दैनिक जागरण" को बताया कि राज्य में शराब बंदी लागू करने का इरादा नहीं है।
डॉ. कल्ला ने कहा कि गुजरात और बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन गुजरात में शराबबंदी के अनुभव ठीक नहीं है। वहां पर शराब आसानी से उपलब्ध है। इसी तरह बिहार में भी अवैध शराब का कारोबार काफी बढ़ गया। दरअसल, सत्ता में आते ही अशोक गहलोत सरकार ने करीब एक साल पहले शराब बंदी लागू करने को लेकर अपनी मंशा जताई थी। इसके लिए वित्त एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों की टीम गुजरात और बिहार भेजी गई थी। दोनों राज्यों का दौरा करने के बाद अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वहां शराबबंदी के कारण वहां अवैध शराब का कारोबार बढ़ा, इसके परिणाम अच्छे नहीं रहे,इसलिए राजस्थान में इस पर अमल नहीं किया जाना चाहिए। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने जनघोषणा-पत्र में भी चरणबद्ध ढंग से शराब का उपभोग कम करने की बात कही थी ।
हेरिटेज भवनों को दिया जाएगा शराब का लाइसेंस
डॉ. कल्ला ने बताया कि नई आबकारी नीति में सरकार इस बात का प्रावधान करने की तैयारी कर रही है कि तंग गलियों में यदि कोई हेरिटेज भवन है और जहां विदेशी पर्यटक आते हैं तो उन्हे शराब परोसने के लिए बार का लाइसेंस दिया जाएगा। अब तक चौड़ी सड़कों पर स्थित होटलों एवं भवनों में ही शराब बार का लाइसेंस दिया जाता है, लेकिन नई नीति में बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के कई शहरों की तंग गलियों में सदियों पुरानी हेरिटेज इमारते हैं,इनमें बार का लाइसेंस दिया जाएगा।
शराबबंदी को लेकर डॉ. कल्ला की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में तय किया गया कि लोगों को जागरूक करने को लेकर विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी। इस बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, आबकारी आयुक्त विष्णु चरण मलिक और लंबे समय से शराब बंदी को लेकर आंदोलन कर रही पूजा छाबड़ा मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा ने प्रदेश में शराबबंदी की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू किया था और बाद में उनकी मौत हो गई थी। उसके बाद उनकी पुत्रवधु पूजा छाबड़ा इस तरह का आंदोलन कर रही है। शराबबंदी समर्थकों एवं स्थानीय लोगों के आंदोलन के कारण पिछले दो साल में 23 शराब की दुकानें बंद भी हुई हैं।