Rajasthan: गहलोत सरकार ने अब तक जनघोषणा पत्र के 150 वादों को किया पूरा
Gehlot Government कांग्रेस के सियासी संकट के कारण विधानसभा चुनाव में जारी किए गए जन घोषणा-पत्र में किए गए कई महत्वपूर्ण वादों को समय पर पूरा नहीं किया जा सका।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Gehlot Government: कांग्रेस का आंतरिक सियासी संघर्ष खत्म होने के बाद अशोक गहलोत सरकार का कामकाज एक माह बाद फिर पटरी पर आया है। एक माह तक चले कांग्रेस के सियासी संकट के कारण विधानसभा चुनाव में जारी किए गए जन घोषणा-पत्र में किए गए कई महत्वपूर्ण वादों को समय पर पूरा नहीं किया जा सका। जन घोषणा पत्र के अहम बिंदु राइट टू हेल्थ और जवाबदेही कानून जैसे बड़े वादे पूरे नहीं हो सके। जन घोषणा पत्र पर 40 फीसदी ही काम हो पाया है। करीब पौने दो साल के कार्यकाल में गहलोत सरकार ने जन घोषणा-पत्र के 503 में से अब तक 150 वादों को पूरा किया है, जबकि 216 पर काम चल रहा है। अब तक 133 वादों को पूरा करने को लेकर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए।
जन घोषणा-पत्र के क्रियान्वयन के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी अध्यक्ष ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि सरकार के पास काफी समय है। ऐसे में जन घोषणा-पत्र के बिंदुओं को लागू करने की ज्यादा जल्दबाजी नहीं है, काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय लगभग दो लाख जन सुझावों के आधार पर बनाए गए मेनिफेस्टो को कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र का नाम दिया था। इसमें किसानों, युवाओं, बेरोजगारों, महिलाओं व आमजन से जुड़ी कई अहम घोषणाएं शामिल की गई थीं। सरकार ने अब तक किसानों को कर्ज माफी, बुजुर्ग किसानों को पेंशन, बेरोजगारों को साढ़े तीन हजार रुपये मासिक भत्ता जैसे बड़े वादे पूरे किए हैं। स्वरोजगार के लिए सस्ता कर्ज, हर जिले में खुलेगी महिला आइटीआइ कृषि उपकरण और जीएसटी मुक्त बालिकाओं को आजीवन मुफ्त शिक्षा का वादा सरकार ने पूरा कर दिया है। स्वास्थ्य का अधिकार, कानून जवाबदेही (अकाउंटेबिलिटी), पलायन रोकने के लिए संगठित मजदूरों के लिए बोर्ड का गठन प्रदेश में बनाया जाएगा। गोचर भूमि बोर्ड व पत्रकारों की सुरक्षा के लिए जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाएगा।