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Rajasthan: वसुंधरा राजे का बंगला बरकरार रखने को लेकर गहलोत सरकार ने निकाला रास्ता

Vasundhara Raje वसुंधरा राजे के जयपुर के सिविल लाइंस स्थित बंगला नंबर 13 को बरकरार रखने को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 08:57 PM (IST)
Rajasthan: वसुंधरा राजे का बंगला बरकरार रखने को लेकर गहलोत सरकार ने निकाला रास्ता
Rajasthan: वसुंधरा राजे का बंगला बरकरार रखने को लेकर गहलोत सरकार ने निकाला रास्ता

जागरण संवाददाता, जयपुर। Vasundhara Raje: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जयपुर के सिविल लाइंस स्थित बंगला नंबर 13 को बरकरार रखने को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है। दरअसल, वसुंधरा राजे का बंगला खाली कराए जाने को लेकर मामला राजस्थान हाईकोर्ट में चल रहा है। पूर्व भाजपा विधायक ने वसुंधरा राजे को आजीवन बंगला आवंटित करने के मामले को लेकर भाजपा की सदस्यता तक छोड़ दी थी। वे कांग्रेस में शामिल हुए थे। सचिन पायलट ने विपक्ष में रहते हुए वसुंधरा राजे का बंगला नंबर 13 खाली कराने को लेकर आंदोलन किया था, लेकिन अब कांग्रेस सरकार ने ही वसुंधरा राजे के लिए यह बंगला बरकरार रखने को लेकर अधिसूचना जारी की है।

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इस अधिसूचना में वसुंधरा राजे सहित चार बंगलों को शामिल किया गया है। ये बंगले अब तक राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आते थे, लेकिन सरकार ने अब एक अधिसूचना जारी कर इन्हें आवंटित करने का अधिकार विधानसभा की आवास समिति को सौंप दिया। इसके साथ ही ये नियम भी बना दिए कि इन बंगलों में कौन रह सकेगा। इनमें सिविल लाइंस स्थित 13 नंबर बंगले में वसुंधरा राजे रह रही है। वहीं, सी-स्कीम के भगत सिंह मार्ग स्थित बंगला नंबर-2 महेंद्र जीत मालवीय, गांधी नगर के बंगला नंबर 21 व 24 महादेव सिंह खंडेला एवं नरेंद्र बुडानिया को आवंटित किए गए हैं। बुडानिया व मालवीय कांग्रेस विधायक है,वहीं खंडेला निर्दलीय विधायक होने के साथ ही गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से सिविल लाइंस में बंगला आवंटित किया गया था,जिसका विरोध हो रहा था। विरोध करने वालों का कहना था कि नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अब विधानसभा की आवास समिति को इन बंगला का अधिकार सौंपने के बाद विरोध खत्म होने की उम्मीद है। सरकार यह कह सकती है कि आवंटन करने का अधिकार समिति की हो। जरूरत पड़ने पर समिति वरिष्ठ विधायक की हैसियत से वसुंधरा राजे को यह बड़ा बंगला आवंटित करने का तर्क दे सकती है। 


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