पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद का सभी विधायकों से अनुरोध- विधानसभा सत्र में उठाएं ब्राह्मण उत्पीड़न मुद्दा
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने विधायकों से अनुरोध किया है कि दलगत भावना से ऊपर उठकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में ब्राह्मण उत्पीड़न के प्रकरणों सरकार के समक्ष उठाएं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में 20 अगस्त से शुरू हो रहे विधान मंडल के मॉनसून सत्र में कांग्रेस ब्राह्मण का मुद्दा जोरदारी से उठाना चाहती है। एक और दांव चलते हुए कांग्रेस के ब्राह्मण सियासत के झंडाबरदार पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने सभी विधायकों को पत्र लिखकर विधानसभा में यह मुद्दा उठाकर सरकार से सवाल पूछने का अनुरोध किया है। कांग्रेस विधायकों की संख्या सदन में बहुत कम है। ऐसे में जितिन ने प्रदेश के सभी विधायकों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि दलगत भावना से ऊपर उठकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में अपने-अपने क्षेत्र की ब्राह्मण उत्पीड़न की घटनाओं को सरकार के सामने रखें।
बता दें कि इससे पहले भी पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भगवान परशुराम की जयंती पर होने वाले अवकाश को बहाल करने का अनुरोध किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा था कि भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार हैं, जिस कारण वह ब्राह्मण समाज की आस्था का प्रतीक हैं। परशुराम जी जन्म बैसाख माह की तृतीया तिथि के दिन हुआ था। अब तक भगवान परशुराम की जयंती पर प्रति वर्ष राजकीय अवकाश होता रहा है परन्तु वर्तमान में आपकी सरकार ने इसे निरस्त कर दिया है, जिससे ब्राह्मण समाज में आक्रोश है।
लंबे समय से कांग्रेस से छिटके ब्राह्मण वोट को वापस लाने का बीड़ा पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद ने अपने हाथ लिया है। सामाजिक संस्था ब्रह्म चेतना परिषद के बैनर तले वह पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर ब्राह्मणों का मुद्दा गर्माए हुए हैं। लगातार अलग-अलग जिलों के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं। कानपुर के हत्यारे-बदमाश विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर के बाद से कांग्रेस ही नहीं, दूसरे गैर भाजपाई दलों ने भी ब्राह्मण उत्पीड़न पर सिर धुनना शुरू कर दिया है।
इसके बाद सपा और बसपा ने भगवान परशुराम की प्रतिमा लखनऊ में लगवाने की घोषणा भी इसी कोशिश में की। इसी कड़ी में अब पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद ने प्रदेश के सभी विधायकों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि दलगत भावना से ऊपर उठकर गुरुवार से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में अपने-अपने क्षेत्र की ब्राह्मण उत्पीड़न, अत्याचार और अन्याय की घटनाओं को सरकार के सामने उठाएं। यह भी कहा है कि पूरा समाज आपका आभारी रहेगा। इसके पीछे जितिन प्रसाद की सोच हो सकती है कि जब सभी दल ब्राह्मणों का मुद्दा उठाने में जुट गए हैं तो अन्य विपक्षी विधायक भी कांग्रेस के सुर में सुर जरूर मिलाएंगे।
वर्ष 2022 को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोट को लेकर सभी दलों में खींचतान मची हुई है। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सत्ता में आने पर समाजवादी पार्टी से भी अधिक परशुराम की भव्य प्रतिमा लगाने की बात कहकर राजनीतिक पारे को और बढ़ा दिया है। मायावती ने कहा था यूपी में सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज के आस्था व स्वाभिमान के प्रतीक परशुराम की भव्य प्रतिमा लगाकर ब्राह्मण समाज को सम्मान दिया जाएगा।
बता दें कि समाजवादी पार्टी हिंदुओं और ब्राह्मणों को लुभाने के लिए परशुराम की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने पर विचार कर रही है। सपा यह मूर्ति लखनऊ में लगाएगी, जिसकी ऊंचाई 108 फीट होगी। प्रतिमा बनवाने के लिए समाजवादी पार्टी देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार अर्जुन प्रजापति और लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में लगी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भव्य मूर्ति बनाने वाले राजकुमार के संपर्क में हैं। इतना ही नहीं प्रतिमा बनवाने के लिए परशुराम चेतना पीठ ट्रस्ट बनाया जाएगा। साथ ही इसके निर्माण कार्य के लिए चंदा जुटाने का काम भी किया जाएगा जो पार्टी के नेताओं द्वारा ही संपन्न होगा।