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2019 से अब तक ओडिशा में हुए 5 उपचुनाव, सभी में बीजद की हुई एकतरफा जीत

ब्रजराजनगर उप चुनाव की खास बात यह रही है कि इस उप चुनाव में बीजद सुप्रीम नवीन पटनायक ने चुनाव प्रचार नहीं किया था बल्कि संगठन के ऊपर चुनाव जीताने की जिम्मेदारी छोड़ दी थी। संगठन ने भी पार्टी को निराश नहीं किया और पार्टी की बडी जीत हुई है।

By TilakrajEdited By: Published: Sat, 04 Jun 2022 11:26 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jun 2022 11:26 AM (IST)
2019 से अब तक ओडिशा में हुए 5 उपचुनाव, सभी में बीजद की हुई एकतरफा जीत
सभी उप चुनाव में भाजपा एवं कांग्रेस तो मानों लड़ाई से ही बाहर हो गए हैं

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। देश या प्रदेश में स्वस्थ राजनीति के लिए सत्ता पक्ष के साथ ही विरोधी दल का भी मजबूत होना जरूरी माना जाता है, क्योंकि सत्ता पक्ष के मनमाने रवैये पर ब्रेक लगाकर सरकार को आईना दिखाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी विरोधी दलों की होती है। हालांकि, ओड़िशा में नवीन पटनायक की लोकप्रियता के सामने विरोधी दल तटस्थ होना, तो दूर वे अपनी भूमिका से भी वंचित होते जा रहे हैं।

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साल 2019 आम चुनाव के बाद से अब तक पांच विधानसभा सीट पर उप चुनाव हुए हैं बीजू जनता दल ने तमाम चुनाव में एकतरफा जीत दर्ज करते हुए खुद को अपराजेय बना लिया है। सभी उप चुनाव में भाजपा एवं कांग्रेस तो मानों लड़ाई से ही बाहर हो गए हैं। सभी उप चुनाव के परिणाम देखने से स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश की दो प्रमुख विरोधी पार्टी भाजपा एवं कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी की रणनीति के सामने एक तरह से नतमस्तक होकर आपस में दुसरे एवं तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रही हैं।

जानकारी के मुताबिक, 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में विधानसभा के लिए कुल 5 उप चुनाव उप चुनाव हुए हैं और सभी उप चुनाव में बीजद ने ना सिर्फ जीत दर्ज की है, बल्कि एकतरफा जीत दर्ज की है। सबसे पहला उप चुनाव कांग्रेस विधायक सुबल साहू के निधन के बाद बीजेपुर विधानसभा सीट पर हुआ। इस सीट पर बीजद ने कांग्रेस विधायक की पत्नी रीता साहू को अपने पाले में करते हुए अपना उम्मीदवार बनाया और एकतरफा जीत दर्ज की। उसी तरह से पाटकुरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय महापात्र को टक्कर देने के लिए बीजद ने स्व. वेद प्रकाश अग्रवाल की पत्नि सावित्री अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया।

भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, बावजूद इसके बीजद की सावित्री अग्रवाल ने बड़ी जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंची। इसके अलावा तिर्तोल विधायक विष्णु चरण दास के निधन के बाद इस सीट पर हुए उप चुनाव में बीजद ने उनके बेटे विजय शंकर दास तथा पिपिली विधानसभा सीट पर प्रदीप महारथी के निधन के बाद हुए उप चुनाव में बीजद ने उनके बेटे रूद्र प्रताप महारथी को अपना उम्मीदवार बनाया और बड़ी जीत दर्ज की। अब ब्रजराज नगर विधानसभा सीट पर सम्पन्न हुए उप चुनाव में अलका महांती को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया। इस सीट पर भी बीजद की एकतरफा जीत हुई है।

ब्रजराजनगर उप चुनाव की खास बात यह रही है कि इस उप चुनाव में बीजद सुप्रीम नवीन पटनायक ने चुनाव प्रचार नहीं किया था, बल्कि संगठन के ऊपर चुनाव जीताने की जिम्मेदारी छोड़ दी थी। संगठन ने भी पार्टी को निराश नहीं किया और पार्टी की बडी जीत हुई है।


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