Bengal: मुख्य सचिव की फर्जी तस्वीर ट्विटर पर डालने को लेकर बाबुल सुप्रियो पर एफआइआर
Babul Supriyo. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के खिलाफ ट्विटर पर बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा की फर्जी फोटो शेयर करने को लेकर एफआइआर दर्ज की गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Babul Supriyo. कोलकाता पुलिस ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के खिलाफ ट्विटर पर बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा की फर्जी फोटो शेयर करने को लेकर एफआइआर दर्ज की है। रविवार को पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के साथ आठ मई को शेयर की गई फोटो के लिए भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की बात कही। बाबुल द्वार शेयर की गई फोटो में कथित तौर पर राजीव सिन्हा कुछ लोगों के साथ बैठे हैं और टेबल पर ग्लास रखा है, जिसमें शराब जैसी वस्तु दिख रही है।
बाबुल सुप्रियो ने फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा था कि सिन्हा के साथ एक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी हैं। कोलकाता पुलिस के दक्षिण डिवीजन ने ट्विटर पर बाबुल द्वारा किए गए ट्वीट को फर्जी करार देते हुए छवि साझा करने के लिए सुप्रियो के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। पुलिस ने जो ट्वीट किया गया, उसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाला यह पोस्ट फेक है। मैसेज में साझा की गई जानकारी झूठी है। इस पर मामला शुरू किया गया है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
दरअसल, आठ मई को बाबुल सुप्रियो ने एक फोटोग्राफ को ट्वीटर पर पोस्ट कर दावा किया कि अगर सिन्हा और बनर्जी साथ हैं तो यह "कई सवाल खड़े करता है"। सुप्रियो ने ट्वीट किया कि यह माननीय डब्ल्यूबीसीएम ममता बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी के साथ बंगाल के वर्तमान मुख्य सचिव राजीव सिन्हा हैं! ड्रिंक्स ठीक है, लेकिन इस वायरल फोटो से कई सवाल उठते हैं, जो उन्हें बता रहे हैं कि यह निश्चित रूप से एक सामान्य समय नहीं है!
गौरतलब है कि बंगाल सरकार द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार शनिवार तक राज्य में कोरोना के 1786 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 1243 एक्टिव केस है। इसके साथ राज्य में कोविड-19 से अब तक 99 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से ठीक होने वाले रोगियों की संख्या 372 है।
दूसरी ओर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी आंकड़े के अनुसार बंगाल में कोरोना से अबतक 160 लोगों की मौत हुई है। केंद्र के अनुसार, कोरोना के अबतक यहां 1678 पॉजिटिव केस आ चुके हैं, जिनमें से 160 की मौत हुई है जबकि 364 लोग ठीक हो चुके हैं। दरअसल, केंद्र व राज्य के आंकड़ों में शुरू से ही अंतर चल रहा है। इसको लेकर राज्य सरकार पर लगातार सवाल भी उठते रहे हैं।