Fight Against Corona Virus : कोरोना से बचाव के लिए अब पूरी निधि खर्च कर सकेंगे विधायक
Fight Against Corona Virus ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने बताया कि कोरोना संकट से निपटने के लिए अब विधायक निधि के उपयोग की बंदिशें शिथिल कर दी गई हैं
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने विधायक निधि आवंटन नियमावली में बड़ा बदलाव किया है। विधायक एक वर्ष की अपनी पूरी निधि कोरोना वायरस से बचाव के लिए चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने में लगा सकते हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर भी वे निधि का उपयोग बचाव कार्य में कर सकेंगे, लेकिन यह इस्तेमाल जिले की सीमा के भीतर ही होना चाहिए।
ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने बताया कि कोरोना संकट से निपटने के लिए अब विधायक निधि के उपयोग की बंदिशें शिथिल कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वीकृति मिलने के बाद मंगलवार को जारी किए शासनादेश में एक वर्ष की संपूर्ण निधि कोरोना संक्रमण को रोकने में खर्च की जा सकती है। इससे जिले के अस्पतालों में वेंटिलेटर, परीक्षण किट, मास्क, थर्मल एमेजिंग स्कैनर, दस्ताने व सैनीटाइजर जैसे जरूरी चिकित्सीय उपकरणों की पूर्ति हो सकेगी। सरकारी अस्पतालों के अलावा राजकीय मेडिकल कालेजों में भी जरूरी संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार खरीदे गए उपकरणों के उपयोग के लिए जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी या राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को नामित किया जाएगा। खरीद प्रक्रिया का जिलास्तरीय ऑडिट भी कराया जाएगा। इससे रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षित दूरी से तापमान परीक्षण व थर्मल एमेजिंग स्कैनर, सैनिटाइजेशन व फागिंग कराने जैसी व्यवस्था भी हो सकेगी।
नगरीय क्षेत्र के विधायक भी ग्रामीण इलाकों में निधि प्रयोग कर सकेंगे। काशी हिंदू विश्वविद्यालय व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी निधि प्रयोग हो सकेगी। ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह ने बताया कि यह व्यवस्था 31 मार्च 2021 तक के लिए ही होगी। सभी जिलाधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों को इसके निर्देश भेज दिए गए हैं, ताकि कोरोना संक्रमण से बचाव कार्यो में तेजी लायी जा सके।
विधायक निधि आवंटन के नियमों में 26 मार्च, 2020 को भी बदलाव किया गया था। निधि आवंटन नियमावली में किए बदलाव के तहत कोरोना संकट से निपटने के लिए अब विधायक अपनी निधि से एक वर्ष में डेढ़ करोड़ रुपये तक चिकित्सीय सुविधाओं व उपकरण आदि खरीदने के लिए दे सकेंगे। विधायक किसी एक संस्था को 25 लाख रुपये से अधिक धनराशि नहीं दे सकेंगे। अलग-अलग संस्थाओं को कुल डेढ़ करोड़ रुपये दिए जा सकते हैं।