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बंगाल विस चुनाव में भाजपा को 190 सीटें मिलने का अनुमान वास्तविकता से परे : मुकुल रॉय

Bengal Assembly election उभरकर सामने आया मुकुल का बंगाल भाजपा नेतृत्व के साथ मतभेद- तवज्जो नहीं मिलने से प्रदेश अध्यक्ष से खफा बताए जा रहे मुकुल रॉय।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 01:23 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 01:23 PM (IST)
बंगाल विस चुनाव में भाजपा को 190 सीटें मिलने का अनुमान वास्तविकता से परे : मुकुल रॉय
बंगाल विस चुनाव में भाजपा को 190 सीटें मिलने का अनुमान वास्तविकता से परे : मुकुल रॉय

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। जहां एक तरफ भाजपा बंगाल में अगले विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से सरकार बनाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के नेता मुकुल रॉय इससे इत्तेफाक नहीं रखते। मुकुल ने कहा कि 2021 के विस चुनाव कुल 294 सीटों में से भाजपा को 190 सीटें मिलने का अनुमान वास्तविकता से परे है। बंगाल को लेकर पार्टी की भावी रणनीति पर वीरवार को नई दिल्ली में महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा बुलाई गई बैठक में पेश की गई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भाजपा को बंगाल विस में 294 में से 190 सीटें मिल सकती हैं।

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मुकुल इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह जमीनी स्तर की वास्तविकता को नहीं दर्शाती। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि पार्टी को उस आंकड़े तक पहुंचने के लिए कई क्षेत्रों में कड़ी मेहनत करनी होगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इस बारे में कहा कि बैठक में अन्य लोगों की राय से सहमत नहीं होने पर मुकुल का यह मतविरोध उभर कर सामने आया और बैठक के आगे के सत्रों में भाग लेने के बजाय वे कोलकाता लौट आए। 

गौरतलब है कि बंगाल विस में वर्तमान में भाजपा के 15 सदस्य हैं, जिनमें दलबदलू भी शामिल हैं। 2019 में लोकसभा चुनावों ने भाजपा ने बंगाल में 18 सीटें जीतकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था। मुकुल 15 सीटों से सीधे 190 तक की छलांग को आसान नहीं मान रहे। 

सूत्रों की मानें तो मुकुल बंगाल भाजपा में तवज्जो नहीं मिलने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से खफा हैं। मुकुल को बंगाल के राजनीतिक क्षेत्र में बूथ-स्तर के समीकरणों में महारत हासिल है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि बंगाल में 2021 के विस चुनाव को लेकरउनका मत स्वीकार नहीं किए जाने को लेकर वे नाराज हैं। उन्होंने कई मौकों पर नाराजगी जताई क्योंकि उन्हें आधिकारिक तौर पर कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। वे पार्टी के केंद्रीय या राज्य-स्तरीय पदानुक्रम में सूचीबद्ध नहीं हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष अपना पक्ष रखने मुकुल राय पिछले महीने दिल्ली गए थे। सूत्रों का कहना है कि मुकुल को इस रणनीति के साथ भाजपा में शामिल किया गया था कि उनके आने से तृणमूल में पलायन का दौर शुरु होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोलकाता लौटने को लेकर मुकुल ने कहा कि वे आंखों के इलाज के लिए वापस आए हैं।


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