अनुशासनहीनता पर यूपी के 10 वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के निष्कासन की कार्रवाई में ही अनुशासनहीनता...
कांग्रेस ने अपने दिग्गज दस नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद सवालों का एक और कठघरा बनकर तैयार है।
लखनऊ, जेएनएन। कांग्रेस ने अपने दिग्गज दस नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद सवालों का एक और कठघरा बनकर तैयार है। ग्यारह सदस्यों को नोटिस देकर जवाब मांगा तो गया, लेकिन सभी का जवाब मिलने से पहले ही उन्हें निष्कासित कर दिया गया। अब आरपार की लड़ाई का मन बना चुके निकाले गए नेताओं का दावा है कि इस कार्रवाई की प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है, जिसका राजफाश सोमवार को किया जाएगा।
कांग्रेस में लगातार बढ़ते जा रहे अंसतोष का मामला अब और तूल पकड़ चुका है। पार्टी ने सख्त तेवर दिखाते हुए उन दिग्गज नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, जिन्होंने प्रभारी महासचिव प्रियंका वाड्रा के निर्णयों पर सवाल उठाए। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दौर के इन पुराने कांग्रेसियों पर हुई कार्रवाई से समकक्ष कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इन्हें नोटिस जारी होने के बाद ही कुछ पूर्व विधायक और इनके समर्थन में खड़े हो गए थे। वहीं, रविवार को अनुशासनहीनता के आरोपित दिग्गजों की बैठक पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी के आवास पर हुई। इसमें न सिर्फ पार्टी द्वारा की गई कार्रवाई पर हैरत जताया, बल्कि कई सवाल भी खड़े किए।
एक पूर्व विधायक ने दावा किया कि पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी और संजीव सिंह को तो अभी तक नोटिस मिला भी नहीं है, इसलिए जवाब नहीं दिया जा सका। ऐसे में अनुशासन समिति हमारे जवाब से असंतुष्ट कैसे हो गई। यह तो पार्टी के संविधान का उल्लंघन हुआ। बैठक में तय हुआ कि अब आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप की मांग करेंगे। अगली रणनीति और कार्रवाई की प्रक्रिया में बोले गए झूठ का राजफाश सोमवार को मीडिया के सामने किया जाएगा।
अनुशासन समिति के सदस्य अजय राय का कहना है कि नोटिस ग्यारह लोगों को दिया था। कुछ का जवाब आ गया और कुछ का नहीं। हम जवाब से संतुष्ट नहीं थे। इसके अलावा संगठन द्वारा भी सारे तथ्यों की जांच की गई, जिसमें यह अनुशासनहीनता के दोषी पाए गए।
हाफिज मो. उमर को लेकर सवाल
अनुशासनहीनता का नोटिस कानपुर के पूर्व विधायक हाफिज मोहम्मद उमर को भी किया गया था लेकिन, उन पर निष्कासन की कार्रवाई नहीं हुई। प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय का कहना है कि उन्होंने माफी मांग ली है, जबकि अनुशासन समिति के सदस्य अजय राय कहते हैं कि उनके जवाब से समिति संतुष्ट है। वहीं, हाफिज उमर रविवार शाम को उन दिग्गजों के साथ बैठक कर रहे थे, जो निकाले गए हैं।
निकाले गए कांग्रेसियों में पूर्व मंत्री, सांसद और विधायक भी
हाईकमान के निर्देश पर नोटिस देने के बाद अनुशासन समिति ने ग्यारह में से दस कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। संगठन में वरिष्ठों से अधिक युवाओं को तरजीह दिए जाने से वरिष्ठ कांग्रेसियों में असंतोष है। इनमें से करीब डेढ़ दर्जन पार्टीजनों ने पिछले दिनों पूर्व सांसद संतोष सिंह के आवास पर बैठक कर अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताई। साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर सुझाव देने का निर्णय लिया। इसके बाद प्रियंका वाड्रा के निर्देश पर 21 नवंबर को अनुशासन समिति ने बैठक में शामिल ग्यारह सदस्यों को नोटिस देकर चौबीस घंटे में स्पष्टीकरण मांगा था। रविवार को अनुशासन समिति ने इनमें से दस वरिष्ठ कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया। निकाले गए कांग्रेसियों में पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक शामिल हैं।
पार्टी से निकाले गए दिग्गज
पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व गृह मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, नेकचंद पांडेय, विनोद चौधरी, युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वयंप्रकाश गोस्वामी, एआइसीसी सदस्य राजेंद्र सिंह सोलंकी और गोरखपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव सिंह।