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Maharashtra: एकनाथ खडसे के राकांपा में शामिल होने से बढ़ीं महाविकास आघाड़ी की दिक्कतें

Eknath Khadse एकनाथ खडसे अपनी बेटी के साथ विधिवत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सदस्य बन गए लेकिन उनके राकांपा में शामिल होने का असंतोष महाविकास आघाड़ी में अभी से दिखने लगा है। उन्हें शामिल करते समय मंच पर मौजूद शरद पवार को इस संदर्भ में सफाई भी देनी पड़ी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:14 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:14 PM (IST)
Maharashtra: एकनाथ खडसे के राकांपा में शामिल होने से बढ़ीं महाविकास आघाड़ी की दिक्कतें
एकनाथ खडसे के राकांपा में शामिल होने से महाविकास आघाड़ी की दिक्कतें बढ़ीं।

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Eknath Khadse: महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे एकनाथ खडसे शुक्रवार को अपनी बेटी के साथ विधिवत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सदस्य बन गए, लेकिन उनके राकांपा में शामिल होने का असंतोष महाविकास आघाड़ी में अभी से दिखने लगा है। उन्हें शामिल करते समय मंच पर मौजूद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को इस संदर्भ में सफाई भी देनी पड़ी। माना जा रहा था कि 40 साल की लंबी अवधि भाजपा में बिताकर आए नाथा भाऊ (एकनाथ खडसे) का स्वागत पार्टी या सरकार में किसी महत्त्वपूर्ण पद से होगा। लेकिन शरद पवार ने अपने वक्त्वय में साफ कर दिया कि फिलहाल राज्यमंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। समारोह में अजीत पवार की अनुपस्थिति पर भी पवार को सफाई देनी पड़ी।

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बोले, अजीत की नाराजगी की चर्चा चल रही है। लेकिन वह घर पर हैं। कोरोना के कारण सावधानी बरत रहे हैं। पार्टी में जीतेंद्र आह्वाड, धनंजय मुंडे, बालासाहब पाटिल को कोरोना हो चुका है। इसलिए सबको सावधानी बरतनी ही चाहिए। पार्टी कार्यालय में आयोजित समारोह में आने से पहले पवार व राज्य सरकार में वरिष्ठ मंत्री जीतेंद्र आह्वाड के बीच वाईबी चह्वाण सेंटर में करीब एक घंटे चर्चा चली।

माना जा रहा है कि आह्वाड पर खडसे के लिए कुर्सी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था। बदले में युवा आह्वाड को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता था। यह पद फिलहाल एक अन्य वरिष्ठ मंत्री जयंत पाटिल के पास है। आह्वाड के राजी होने पर जयंत पाटिल का एक भार कम किया जा सकता था। लेकिन आह्वाड शायद इसके लिए राजी नहीं हुए। तभी पवार को कहना पड़ा कि मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।

खडसे उत्तर महाराष्ट्र में भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। अपने गृह जनपद जलगांव सहित अड़ोस-पड़ोस के कई जिलों में भी उनका दबदबा रहा है। 2014 से भाजपा ने उसी इलाके में एक नए व युवा नेता गिरीश महाजन को उभरने का मौका दिया है। 68 वर्षीय खडसे को यह बात भी खलती है। राकांपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण गुजराती ने डसे के पार्टी में शामिल होते समय माना कि राकांपा उत्तर महाराष्ट्र में खडसे की ताकत के आगे कमजोर पड़ जाती थी। अब उनके पार्टी में आ जाने से उत्तर महाराष्ट्र में राकांपा की ताकत बढ़ेगी। लेकिन खडसे के सहयोग से राकांपा की ताकत बढ़ना शिवसेना को भी बहुत रास नहीं आएगा। उस क्षेत्र में शिवसेना अपने नेता गुलाबराव पाटिल के सहारे अपना दबदबा बनाए रखना चाहती है। शायद इसीलिए इस विषय पर कोई टिप्पणी करने से बचते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें जो कहना है, पार्टी की दशहरा रैली में कहेंगे।

खडसे ने फड़नवीस पर साधा निशाना, कहा-तुम्हारे पास ईडी है तो हमारे पास सीडी

राकांपा में शामिल होने के बाद एकनाथ खडसे ने राकांपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर निशाना साधा। उन्होंने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की उपस्थिति में फड़नवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि तुम्हारे पास ईडी है तो हमारे सीडी है। लेकिन खडसे कौन सी सीडी की बात कर रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं हो सका। खडसे ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि पिछले चार वर्षों से उन्हें किनारे लगा दिया गया है, और झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। अब मैं दिखाऊंगा कि किसने कितने भूखंड कब्जा किए हैं। बता दें कि 2016 में खडसे पर एक आरोप भूखंड कब्जे का भी लगा था। जब उन्हें राजस्व मंत्री के पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 


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