Rajasthan: राजस्थान में भारतीय प्रशानिक सेवा के 103 अधिकारियों के किए गए तबादले
मंत्रियों से पटरी नहीं बिठाने वाले आईएएस अधिकारियों को बदला- राजस्थान में 103 आईएएस अधिकारियों के तबादले।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में गुरूवार आधी रात बाद भारतीय प्रशानिक सेवा के (आईएएस) 103 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। राज्य के मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता को भी हटा दिया गया, उन्हे फिलहाल किसी पद पर नहीं लगाया गया है। तीन माह बाद वे सेवानिवृत होने वाले हैं, लेकिन इससे पहले ही उन्हे हटाए जाने को लेकर कई तरह की चर्चा है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को मुख्य सचिव बनाया गया है।
कोरोना महामारी के दौरान बेहतर काम करने वाले अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह को गृह विभाग में लगाया गया है। वे अब तक चिकित्सा विभाग में तैनात थे। मंत्रियों के साथ विवाद में आए आइ्रएएस अधिकारियों का तबादला करने के साथी सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि जनप्रतिनिधि ब्यूरोक्रेसी से ऊपर है। लंबे समय तक मॉनिटिरंग करने के बाद 33 में से 17 जिला कलेक्टर्स को बदल दिया गया है। अब शनिवार तक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादले होने की उम्मीद है।
कुछ को तोहफा मिला
राज्य सरकार ने मंत्रियों से विवाद के चलते भी कई आईएएस अफसरों के तबादले भी किये हैं। इनमें पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से विवाद के चलते पर्यटन एवं देवस्थान विभाग की सचिव श्रेया गुहा का तबादला कर दिया है। इसी प्रकार खान मंत्री प्रमोद भाया से विवाद के चलते खान डायरेक्टर गौरव गोयल का भी बदल दिया गया है। राजीविका कौशल मिशन के निदेशक प्रताप सिंह को मंत्री अशोक चांदना के साथ विवाद होने के कारण हटा दिया गया है।
चिकित्सा विभाग से हटाकर गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर लगाए गए रोहित कुमार सिंह की भी लंबे समय से चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा के साथ खींचतान चल रही थी। हालांकि उन्हे कोरोना काल में अच्छा काम करने के लिहाज से मुख्यमंत्री ने गृह जैसे अच्छे विभाग में लगाया है। अंतर सिंह नेहरा को गहलोत सरकार ने सबसे अहम जयपुर कलक्टर की कमान दी है।
राज्य सरकार ने जयपुर और जोधपुर में कोरोना के बेहताशा बढ़ते मामलों को देखते हुए दोनों ही जिलों में कलेक्टर बदल दिए हैं। अलवर कलेक्टर रहे इंद्रजीत सिंह को अब जोधपुर की बागडोर दी गई है। मुख्यमंत्री ने सचिवालय से लेकर कलक्टर तक ब्यूरोक्रेसी में बदलाव कर साफ संकेत दिए हैं कि सरकार जैसा काम करवाना चाहती है वैसा ही काम अफसरों को करना होगा, जो अफसर सरकार की मंशा पर खरा नहीं उतर पाते हैं उन्हें बदलने में सरकार जरा भी देर नहीं करेगी।