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Sushant Singh Rajput Case: सुशांत मामले की सीबीआइ जांच के मुद्दे पर पवार परिवार में कलह

Sushant Singh Rajput Case शरद पवार ने कहा कि पार्थ में अनुभव की कमी है। वह अभी परिपक्व नहीं है। इसलिए मैं अपने पौत्र के बयानों को कौड़ी भर भी महत्त्व नहीं देता।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 08:29 PM (IST)
Sushant Singh Rajput Case: सुशांत मामले की सीबीआइ जांच के मुद्दे पर पवार परिवार में कलह
Sushant Singh Rajput Case: सुशांत मामले की सीबीआइ जांच के मुद्दे पर पवार परिवार में कलह

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की सीबीआइ जांच के मुद्दे पर अब शरद पवार के परिवार में भी अंतर्कलह शुरू हो गई है। ये कलह मंगवार दोपहर शरद पवार द्वारा अपने पौत्र व अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार पर एक सार्वजनिक टिप्पणी के बाद शुरू हुई है। हालांकि खुद शरद पवार ने भी माना है कि उन्हें सीबीआइ या किसी और एजेंसी की जांच से कोई आपत्ति नहीं है। पार्थ पवार ने सुशांत के पिता द्वारा पटना में एफआइआर लिखाए जाने से पहले ही राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से मिलकर सुशांत प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने की मांग कर दी थी, लेकिन उसके बाद से ही महाराष्ट्र की सरकार में शामिल शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस, तीनों का रुख सीबीआई जांच के विरोध में रहा है।

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दोपहर में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों ने जब शरद पवार को पार्थ पवार की उक्त मांग याद दिलाई, तो पवार की प्रतिक्रिया काफी तीखी रही है। उन्होंने कहा कि पार्थ में अनुभव की कमी है। वह अभी परिपक्व नहीं है। इसलिए मैं अपने पौत्र के बयानों को कौड़ी भर भी महत्त्व नहीं देता। पवार के अनुसार, इस प्रकरण में किसी को सीबीआइ जांच की जरूरत महसूस होती है, तो मुझे कोई विरोध नहीं है। लेकिन महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस पर मुझे पूरा भरोसा है। पवार कहते हैं कि किसी ने आत्महत्या की, इसका मुझे दुख है। लेकिन इस प्रकरण पर जिस तरह की चर्चा चल रही है, उससे आश्चर्य होता है।

पार्थ पवार पर की गई शरद पवार की इस टिप्पणी ने पवार परिवार की अंतर्कलह को सतह पर ला दिया है। पार्थ इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के भूमिपूजन से पहले बाकायदा ‘जय श्रीराम’ लिखकर एक सुभेक्षा पत्र श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेज चुके हैं। जबकि उनके दादा शरद पवार ने इसी मुद्दे पर यह कहकर प्रधानमंत्री पर तंज कसा था कि क्या राम मंदिर निर्माण से कोरोना चला जाएगा ? माना जा रहा है कि पार्थ पवार द्वारा लगातार पार्टी लाइन से अलग सोच रखने वाली भूमिका से क्षुब्ध होकर ही शरद पवार ने उन पर यह तीखी टिप्पणी की है। पार्थ पवार 2019 में महाराष्ट्र की मावल संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। जिसमें उन्हें शिवसेना उम्मीदवार श्रीरंग अप्पा बर्ने से 2,15,913 मतों से हार का मुंह देखना पड़ा था। पार्थ के यह चुनाव लड़ने से भी शरद पवार खुश नहीं थे। क्योंकि तब उन्हें यह कहते हुए म्हाडा संसदीय सीट से खुद चुनाव लड़ने की योजना रद करनी पड़ी थी कि एक परिवार से तीन लोग चुनाव नहीं लड़ेंगे। क्योंकि उसी चुनाव में बारामती से उनकी बेटी सुप्रिया भी चुनाव मैदान में थीं।

पार्थ पवार पर की गई उनके दादा की तीखी टिप्पणी के बाद से ही पवार परिवार में सब कुछ ठीक न चलने के कयास लगने शुरू हो गए हैं। हालांकि स्वयं पार्थ ने दादा शरद पवार की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके पिता व शरद पवार के भतीजे अजीत पवार शाम को राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री व राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के साथ शरद पवार से मुलाकात करने उनके घर सिल्वर ओक गए थे। वहां पत्रकारों से बात करते हुए जयंत पाटिल ने इस बात का खंडन किया कि पवार के घर में परिवार में कोई विवाद है। हालांकि इस परिवार की फुटमस पिछले वर्ष नवंबर में भी सामने आ चुकी है। जब अजीत पवार भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेते दिखाई दिए थे। उसके बाद पूरे पवार कुनबे को अजीत पवार को मनाने के लिए तीन दिन तक भारी मशक्कत करनी पड़ी थी। अब अजीत पवार शिवसेनानीत महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। 


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