डायल 112 से जुड़े 5.25 लाख वरिष्ठ नागरिक, पुलिस का रिस्पांस टाइम हुआ 11:54 मिनट
आपात सेवा डायल यूपी 112 के तीसरा स्थापना दिवस समारोह शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर डीजीपी ने सराहनीय कार्य करने वाले कर्मियों व जागरूक कॉलरों को सम्मानित किया।
लखनऊ, जेएनएन। आपात सेवाएं डायल 112 से सूबे के 5.25 लाख वरिष्ठ नागरिक सीधे जुड़ चुके हैं। सवेरा योजना के तहत और वरिष्ठ नागरिकों के रजिस्ट्रेशन की प्रकिया चल रही है, जिससे अकेले रहने वाले बुजुर्गों को किसी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके। यूपी 112 के तीसरे स्थापना दिवस के मौके पर डीजीपी ओपी सिंह ने ऐसी कई उपलब्धियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हेकिल) का रिस्पांस टाइम में पिछले वर्ष के मुकाबले और सुधार हुआ है। अब पुलिस का रिस्पांस टाइम 11:54 मिनट हो गया है। शहरी क्षेत्र में यह 10:28 मिनट व ग्रामीण क्षेत्र में 12:53 मिनट है।
डीजीपी ने कहा कि पहले पुलिस के पास वाहनों व संसाधनों की कमी थी। अब अत्याधुनिक तकनीक के सहयोग व संसाधानों के साथ पुलिस कदम बढ़ा रही है। स्मार्ट पुलिसिंग समय की जरूरत है। पुलिस का अभिप्राय अब 112 है। डीजीपी ने बताया कि जल्द यूपी 112 को बीट प्रणाली से भी जोड़ा जाएगा। समारोह में डीजीपी ने यूपी 112 की वार्षिक रिपोर्ट जारी करने के साथ ही त्रैमासिक पत्रिका तेजस का विमोचन भी किया। बताया गया कि वर्ष 2019 को प्रशिक्षण वर्ष घोषित किया गया था, जिसके तहत 14005 पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दिलाई गई है। एडीजी यूपी 112 असीम अरुण ने कहा कि इस वर्ष स्मार्ट सिटी, एक्सप्रेसवे व सीसीटीवी कैमरों को प्रभावी बनाए जाने की योजना है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से एडीजी एटीएस डीके ठाकुर, आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी, एसपी साइबर क्राइम सेल मु.इमरान व अन्य वरिष्ठ अधिकारी थे।
यह भी खास
- वर्ष 2019 में आए 5587002 प्रकरण
- पुलिस से जुड़े रहे 86 फीसद मामले
- चिकित्सा से जुड़े रहे 1.24 फीसद मामले
- सोशल मीडिया के जरिए मिली 20263 घटनाओं की जानकारी
- 80 फीसद लोगों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
- 10 फीसद पीआरवी पर हुई महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती
- रात में अकेली महिला को स्कार्ट कर घर तक छोडऩे की योजना हुई शुरू
- पिंक बस से यूपी 112 का हुआ एकीकरण
- थानों से समन्वय के लिए लागू हुआ इवेंट क्लोजर सिस्टम
- एनिमल रेस्क्यू वालेंटियर सिस्टम की शुरूआत
- आयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के दौरान पहली बार स्थापित किया गया इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (ईओसी)
यह मिले अवार्ड
- दुबई में इंटरनेशन कॉल सेंटर अवार्ड के तहत पुलिस सेक्टर की श्रेणियों में तीसरा स्थान
- लीडरशिप अवार्ड-2019 फॉर इनोवेशन
- इंडिया जियोस्पेशियल एक्सिलेंस अवार्ड
इनका हुआ सम्मान
सिटीजन कॉलर ऑफ द ईयर की श्रेणी में गौतमबुद्धनगर के राघवेंद्र सिंह यादव को डीजीपी ने किया सम्मानित। बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा घेरी गई महिला के बारे में सूचना देकर उसकी जान बचाने में राघवेंद्र ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा कानपुर नगर के दिनेश कुमार को भी किया सम्मानित। दिनेश ने रेलवे ट्रैक पर बच्चे के साथ आत्महत्या करने जा रही महिला के बारे में सूचना दी थी। पुलिस ने महिला व बच्चे को बचाया था।
इन्हें मिला प्रशस्ति पत्र
डीजीपी ने पीआरवी पर तैनात रहकर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। इनमें मुजफ्फरनगर के निरीक्षक गिरीश चंद्र शर्मा, मऊ के निरीक्षक प्रमेश कुमार सिंह, शामली के निरीक्षक कपिल गौतम, गौतमबुद्धनगर के पीआरवी कमांडर राजेंद्र सिंह, मथुरा के पीआरवी कमांडर अरविंद प्रताप सिंह, बागपत के पीआरवी कमांडर सत्य प्रकाश शर्मा, गौतमबुद्धनगर के पीआरवी कमांडर तेजपाल सिंह व पीआरवी पायलेट रजनीश चौधरी शामिल हैं।