देवेंद्र फडणवीस बोले, उद्धव ठाकरे ने सत्ता के लिए दी विचारों की तिलांजलि
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि अपेक्षा तोड़ने का जैसा काम उद्धव ठाकरे ने किया है वैसा देश में इससे पहले कभी नहीं हुआ।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि अपेक्षा तोड़ने का जैसा काम उद्धव ठाकरे ने किया है, वैसा देश में इससे पहले कभी नहीं हुआ। उद्धव ठाकरे के अनुसार उन्हें यह उम्मीद कतई नहीं थी कि सत्ता के लिए शिवसेना बालासाहब ठाकरे के विचारों से किनारा कर कांग्रेस के साथ भी जा सकती है।
सबसे बड़ी अपेक्षा तोड़ी उद्धव ठाकरे ने
सरकार जाने के बाद आज पहली बार एक टेलीविजन चैनल से बात करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें अतिविश्वास था कि शिवसेना कभी कांग्रेस के साथ नहीं जा सकती। हालांकि उद्धव ठाकरे बार-बार कह रहे थे कि उन्होंने अपने पिता बालासाहब ठाकरे को वचन दिया है कि वह महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाएंगे। लेकिन यह लक्ष्य पाने के लिए वह बालासाहब के ही विचारों की तिलांजलि दे कांग्रेस के साथ ही सरकार बना लेगी, यह उम्मीद बिल्कुल नहीं थी।
फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने चुनाव परिणाम आने के घोषित होने के दिन ही सभी विकल्प खुले होने की बात कह दी थी। लेकिन हमें उम्मीद थी कि देर हो रही है, लेकिन बात बन जाएगी। लेकिन हमारा अंदाजा यहां चूक गया। साथ मिलकर लड़ने के बाद छोड़ देने का इतिहास इससे पहले देश में नहीं मिलता। फडणवीस यह भविष्यवाणी करने से भी नहीं चूके कि कांग्रेस-राकांपा के साथ मिलकर बनी शिवसेनानीत सरकार अपने अंतर्विरोधों के कारण ज्यादा दिन नहीं टिकेगी।
अजीत पवार ने 36 विधायकों के साथ होने की बात की
अजीत पवार के साथ मिलकर बनी अपनी 80 घंटे की सरकार पर बोलते हुए फडणवीस कहते हैं कि अजीत ने उन्हें बताया था कि भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए उन्होंने अपने चाचा शरद पवार से चर्चा की थी। उन्होंने अपनी पार्टी के 36 विधायकों के भी अपने साथ होने की बात कही थी। अजीत पवार ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी के ज्यादातर लोगों का मानना है कि शिवसेना-कांग्रेस की खिचड़ी के साथ जाना उचित नहीं होगा। इसलिए केंद्रीय नेतृत्व से बात करके उनके साथ सरकार बनाई गई। लेकिन जब उन्होंने निजी कारणों का हवाला देकर इस्तीफा देने की इच्छा जताई तो हमने भी जोड़तोड़ करने क बजाय इस्तीफा देना ही उचित समझा।
हार के बाद पार्टी में दिखाई दे रहे असंतोष पर फडणवीस ने कहा कि एकनाथ खडसे का टिकट राज्य नेतृत्व ने नहीं, बल्कि केंद्रीय नेतृत्व ने काटा था। लेकिन उनकी पुत्री को टिकट दिया गया था। पंकजा मुंडे को भी अपनी बहन सरीखी बताते हुए फडणवीस ने कहा कि यदि सरकार बनी होती तो यह सब नहीं होता। सरकार नहीं बन सकी, इसलिए इस प्रकार के विचार उठने शुरू हो गए हैं।