उत्तर प्रदेश में छात्रों को पंजाबी भाषा पढ़ाने की मांग, सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश के स्कूलों में संस्कृत को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जा रहा है जबकि पंजाबी भाषा के लिए कोई विकल्प ही नहीं है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Delhi Sikh Gurudwara Management Committee- DSGMC) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने उत्तर प्रदेश के स्कूलों में पंजाबी को तीसरी वैकल्पिक भाषा के रूप में पढ़ाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (Uttar Pradesh Chief Minister) योगी आदित्य नाथ (Yogi Adityanath) को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने कहा कि तीसरी वैकल्पिक भाषा नहीं होने के कारण सिख छात्र इसकी पढ़ाई करने में असमर्थ हैं। सिख बच्चे गुरबाणी पढ़ना चाहते हैं और इसके लिए पंजाबी भाषा की बुनियादी जानकारी होना जरूरी है। उत्तर प्रदेश के स्कूलों में संस्कृत को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जा रहा है, जबकि पंजाबी भाषा के लिए कोई विकल्प ही नहीं है।
सिख अभिभावक इसकी मांग कई बार कर चुके हैं। उनकी इस मांग को नजरअंदाज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में सिखों की संख्या ज्यादा है, वहां पर इसे लागू किया जा सकता है। इसी तरह से सभी बड़े शहरों के स्कूलों में भी सिख छात्रों को पंजाबी भाषा सीखने की सुविधा मिलनी चाहिए।