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दिल्‍ली पुलिस ने शहीद हेड कांस्‍टेबल रतन लाल के परिजनों को सौंपा इतने लाख का चेक

ज्‍वाइंट सीपी वीए गुप्ता ने शहीद हेड कांस्‍टेबल रतन लाल के परिजनों को हर संभव सहायता के अलावा परिवार के सदस्य को पुलिस की नौकरी में मदद का भरोसा भी दिया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 11:47 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 11:47 PM (IST)
दिल्‍ली पुलिस ने शहीद हेड कांस्‍टेबल रतन लाल के परिजनों को सौंपा इतने लाख का चेक
दिल्‍ली पुलिस ने शहीद हेड कांस्‍टेबल रतन लाल के परिजनों को सौंपा इतने लाख का चेक

सीकर, जेएनएन। दिल्‍ली के हिंसा में शहीद हुए दिल्‍ली पुलिस के हेड कांस्‍टेबल रतनलाल के परिजनों को 62 लाख रुपये का चेक सौंपा गया। दिल्ली पुलिस के ज्‍वाइंट सीपी वीए गुप्ता शुक्रवार को पुलिस के शहीद कर्मी रतनलाल के मूल निवास स्थान राजस्थान के सीकर गए। वे रतनलाल के परिजनों से मिल उन्हें सांत्वना दी। बाद में उन्हें 62 लाख रुपये के तीन चेक सौपे। इस मौके पर अधिकारी ने परिजनों को हर संभव सहायता के अलावा परिवार के सदस्य को पुलिस की नौकरी में मदद का भरोसा भी दिया।

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केंद्र और दिल्‍ली सरकार ने की एक-एक करोड़ रुपये देने की घोषणा 

इसके अलावा उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे सीकर के सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार द्वारा रतनलाल को शहीद का दर्जा देने और एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी। इसके अलावा दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी रतन लाल के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्‍य को नौकरी देने की घोषणा की थी।

इसके अलावा दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की पत्नी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पत्र लिखा था। अमित शाह ने रतन लाल की मौत पर दुख जताया। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मैं आपके पति की असामयिक मृत्यु पर दुख और गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

उपद्रवियों के शिकार बने रतन लाल

रतनलाल दिल्‍ली में हुई हिंसा में 24 फरवरी को उपद्रवियों के शिकार बने थे। दरअसल चांदबाग में सोमवार दोपहर हिंसक प्रदर्शन के दौरान कुछ उद्रवियों ने उन पर लाठी-डंडों से हमला किया। मंगलवार को Autopsy रिपोर्ट से पता चला कि उनकी मौत गोली लगने से हुई। मूलरूप से सीकर, राजस्थान के रहने वाले रतन लाल 1998 में दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। उनके परिवार में 12 साल की बेटी सिद्धि, 10 साल की बेटी कनक और सात साल का बेटा राम है।

मीडिया के जरिए पत्नी को मिली थी जानकारी

हिंसक प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल को गोली लगने की खबर उनकी पत्नी पूनम को मीडिया के जरिये मिली थी। उन्हें जैसे ही पता चला कि उनकी मांग का सिंदूर उजड़ गया है, वह गश खाकर बेहोश हो गईं, जबकि स्वजन रतन लाल के घायल होने और उपचार चलने की झूठी तसल्ली देकर ढांढ़स बांधने की कोशिश कर रहे थे।


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