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Cyclone Amphan: बंगाल को चक्रवात ‘एम्फन’ से एक लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में चक्रवात ‘एम्फन’ के कारण एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 05:07 PM (IST)
Cyclone Amphan: बंगाल को चक्रवात ‘एम्फन’ से एक लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान : ममता
Cyclone Amphan: बंगाल को चक्रवात ‘एम्फन’ से एक लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान : ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में चक्रवात ‘एम्फन’ के कारण एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बशीरहाट में प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करने और एक समीक्षा बैठक करने के बाद उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में एक साथ काम करने की जरूरत है। बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य में चक्रवात के बाद पैदा हुई स्थिति के बारे में भी जानकारी दी। चक्रवात की चपेट में आने से अभी तक राज्य में कम से कम 82 लोगों की जान जा चुकी है।उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य को 1,000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत देने की घोषणा भी की ।

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कोलकाता व आसपास के जिलों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क की समस्या, परेशानी बढ़ी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता :  चक्रवात एम्फन ने पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाई है। तूफान ने कोलकाता व उसके आसपास के जिलों उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना को बुरी तरह से प्रभावित किया है। तूफान गुजर गया है लेकिन उससे जो तबाही हुई है, उससे उबरने में अब लोग लगे हैं। तूफान में बिजली के खंभे, पानी की लाइनों और मोबाइल नेटवर्क के टावरों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में लोगों को इन चीजों की कमीं से अब जूझना पड़ रहा है। एम्फन से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में 70 फीसदी से ज्यादा मोबाइल नेटवर्क प्रभावित है। वहीं बिजली भी गुल है। हालांकि टेलीकॉम सेक्टर के लोगों ने कहा है कि शुक्रवार शाम तक 80 फीसदी से ज्यादा नेटवर्क पास आ जाएगा। बताया गया है कि टावरों को सीधे नुकसान उतना ज्यादा नहीं है लेकिन पेड़ों के टूटने और बिजली गुल होने से नेटवर्क में दिक्कत आई है। बिना बिजली टावरों को नहीं चलाया जा सकता। 

दी सेलुलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के डीजी राजन एस. मैथ्यू ने कहा है कि बिजली बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मोबाइल टॉवर केवल डीजल जनरेटर पर काम कर रहे हैं और वे आठ घंटे से अधिक समय तक काम करना जारी नहीं रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 8,500 मोबाइल टावर हैं, जिन पर विभिन्न ऑपरेटरों के 36,000 बेस स्टेशन चलते हैं।


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