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CPA Conference : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- सदन में मर्यादा का पालन जरूरी

CPA Conference लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सीपीए के 7वें सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए जनप्रतिनिधियों को न सिर्फ नसीहत दी बल्कि सदन की मर्यादा बनाए रखने का आह्वान भी किया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 11:34 PM (IST)
CPA Conference : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- सदन में मर्यादा का पालन जरूरी
CPA Conference : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- सदन में मर्यादा का पालन जरूरी

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (CPA) के 7वें सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए जनप्रतिनिधियों को न सिर्फ नसीहत दी, बल्कि सदन की मर्यादा बनाए रखने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र सहमति और असहमति का रहा है, लेकिन लोकतांत्रिक मापदंड सदैव ऊंचे रहे हैं। जनप्रतिनिधियों को सदन में मर्यादा का पालन करते हुए जनता के मुद्दे उठाने चाहिए।

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लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित जनप्रतिनिधि जनता तक एक सेतु के रूप में काम करते हैं। उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य कानून बनाना है। इसके लिए वाद-विवाद भी चलता है लेकिन, मर्यादा बना रहना बहुत जरूरी है। संसद व विधान मंडल जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं। सरकार की गतिविधियों पर भी निगरानी रखने का दायित्व है। संसदीय समितियों के माध्यम से अपनी बात को कहने का सुझाव देते हुए ओम बिरला ने बजटीय प्रावधानों की समीक्षा करने पर बल दिया। बजट का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसका ध्यान रखा जाए।

उन्होंने कहा कि सारा देश चिंतित रहता है कि सदन बिना व्यवधान के कैसे चले? इसके लिए नियम बनाए जाने चाहिए। उन्होंने विपक्ष की बातों को ध्यान से सुनने का आग्रह भी किया। कहा कि हर चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ना बताता है कि आम जनता का विश्वास लोकतंत्र पर बढ़ा है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों की भी जिम्मेदारी बढ़ी है।

सदन बाधित नहीं रहे तो बेहतर काम हो : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कहा कि लोकतंत्र में तमाम चुनौतियां भी हैं जिनका समाधान ऐसे सम्मेलनों (सीपीए) से ही निकलेगा। विपक्ष की नकारात्मक भूमिका पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार तब ही बेहतर काम कर सकती है, जब सदन बाधित न हो। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के गत दिनों में आयोजित विशेष सत्रों का हवाला देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मर्यादा और परंपराओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।

विपक्ष न हो तो स्वेच्छाचारी हो जाएगा सत्तापक्ष : चौधरी

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने भी अपना पक्ष से मजबूती से रखा। उन्होंने कहा कि भारत की संसदीय व्यवस्था की दुनिया में अलग साख है। संसदीय प्रणाली में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। सदन में विपक्ष न हो तो सत्तापक्ष के स्वेच्छाचारी होने की संभावना बनी रहती है। विपक्ष के प्रश्नों से सरकार चौकन्नी रहती है। विपक्ष ही नागरिक अधिकारों का सर्वश्रेष्ठ संरक्षक होता है। उन्होंने विवेकानंद के संबोधन का उदाहरण देकर सरकार को इशारों में नागरिकता कानून पर घेरने की कोशिश की। कहा कि उन्होंने भारत को ही ऐसा देश बताया, जहां सभी धर्मो के सताए गए लोगों को शरण दी गई है।

बोलने में मर्यादा की लक्ष्मण रेखा न पार करें : टंडन

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सदन में मर्यादाओं के पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सदन में सार्थक बहस ही होनी चाहिए। सत्ता का काम सरकार चलाना होता है। उसी तरह विपक्ष को अपनी बात कहने का हक होता है परंतु दोनों पक्षों को बोलने में लक्ष्मण रेखा नहीं पार करनी चाहिए।

बहुमुखी हो जनप्रतिनिधियों की भूमिका : दीक्षित

विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने स्वागत भाषण में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ को भारतीय प्राचीन संसदीय दर्शन के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र भारत की मूल प्रवृत्ति व प्रकृति है। वैदिक काल में भी सभा व समितियां सक्रिय थी। उन्होंने कहा कि संसदीय व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों की बहुमुखी भूमिका होनी चाहिए। विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने आभार व्यक्त किया। हल्की बूंदाबांदी के बावजूद बड़ी संख्या में प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने एक स्मारिका का विमोचन और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में विधानसभा की विकास यात्रा को दर्शाया गया था। इस दौरान मलेशिया एवं आस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहे।

वेल में आकर बात रखना न हो दंडनीय : राजेन्द्र त्रिवेदी

सम्मेलन में हिस्सा लेने आए गुजरात विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी कहते हैं कि वेल में आकर अपनी बात रखना दंडनीय अपराध नहीं होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में वेल में आने पर सदस्य निलंबित हो जाते हैं। यह नियम ठीक नहीं हैं। सदन के भीतर पक्ष हो या विपक्ष हर प्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्या उठाना चाहते हैं। उसे उठाना भी चाहिए। गुजरात विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायक जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं, लेकिन सदन में समय का प्रबंधन करना होता है। ऐसे में जब तक सदन लंबा नहीं चलेगा तब तक सभी को अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिलेगा। सदन ही ऐसा प्लेटफार्म है जहां सरकार सीधे समस्याओं से रूबरू होती है और उसका निराकरण करती है। इस तरह के आयोजन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए होते हैं। चुने हुए प्रतिनिधि जब मजबूत होंगे तो लोकतंत्र भी मजबूत होगा।

जनता से चुनकर आए व्यक्ति की जिम्मेदारी बड़ी

राजस्थान विधानसभा की तरफ से भाग लेने आईं बानसूर की विधायक शकुंतला रावत कहती हैं कि सदन में वेल में आकर विरोध करना बड़ा अपराध नहीं है। जनता से चुनकर आए व्यक्ति की जिम्मेदारी बड़ी होती है। समस्या पर ध्यान दिलाने के लिए कई बार सदस्य वेल में आने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन हमें संसदीय परंपराओं के बारे में जानने-समझने का मौका देते हैं।

सदन में पहले हों विधायी कार्य : विजय चौधरी

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि विधायिका का मुख्य कार्य कानून बनाना व बजट प्रपोजल पर चर्चा व अनुमोदन है। किंतु सदन में विधायी कार्य ही भोजनावकाश के बाद होते हैं। ज्यादातर विधानसभाओं में भोजनावकाश के बाद सदस्यों की संख्या भी कम हो जाती है। भोजनावकाश से पहले प्रश्नकाल, शून्यकाल व ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए जाते हैं। इसमें बदलाव की जरूरत है।

सदस्यों को भी दिया जाए बजट का प्रशिक्षण : विश्वेश्वर हेगड़े

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े ने कहा कि विधायिका का कार्य बड़ा होता है। विधायिका ही कानून बनाती है साथ ही एडमिनिस्ट्रेशन कैसे चलेगा यह भी देखती है। विधायिका का महत्वपूर्ण काम बजट पर चर्चा व उसे पास कराना भी होता है। बजट किस प्रकार तैयार होता है इसकी प्रक्रिया के बारे में सदस्यों को भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इससे सभी को बजट समझने में आसानी होगी।

बजट में सदस्यों की राय भी हो शामिल : पीडी सोना

अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पीडी सोना ने बताया कि उनके यहां सामाजिक संगठनों व एनजीओ से भी बजट में मदद ली जाती है। उन्होंने कहा कि बजट में विधानसभा सदस्यों की राय जरूर आनी चाहिए। इसके लिए सभी जगह अच्छी लाइब्रेरी भी जरूरी है। विधायकों को भी प्रशिक्षण देने की जरूरत है।


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