अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में शिफ्ट करने की तैयारी, रजत सिंहासन पर विराजेंगे रामलला
AyodhyaRamMandir जनता कर्फ्यू के बाद सोमवार से रामलला को बुलेटप्रूफ मंदिर में शिफ्ट करने के लिए अनुष्ठान शुरू कर दिया गया है।
अयोध्या, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रामनगरी अयोध्या में भव्य निर्माण की तैयारी के बीच रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में शिफ्ट करने की तैयारी है। रामलला अब अयोध्या में बुलेटप्रूफ फाइवर के मंदिर में रजत सिंहासन पर विराजेंगे। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित वैकल्पिक गर्भ गृह में शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ा पूजन-अर्चन शुरू हो चुका है।
जनता कर्फ्यू के बाद सोमवार से रामलला को बुलेटप्रूफ मंदिर में शिफ्ट करने के लिए अनुष्ठान शुरू कर दिया गया है। 25 मार्च की सुबह रामलला को नए अस्थाई भवन में सुबह चार बजे से शिफ्ट किया जाएगा। अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद विराजमान रामलला को दूसरे बुलेटप्रूफ अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया जाना है। जिसको लेकर तेजी के साथ रामलला के गर्भ गृह के परिसर में काम शुरू हो चुका है। 25 मार्च की सुबह रामलला को नए अस्थाई भवन में सुबह चार बजे शिफ्ट किया जाएगा। कोरोना वायरस के कहर के कारण अब शिफ्ट करने के तमाम भव्य कार्यक्रमों को सीमित कर दिया गया है। अब साधारण तरीके से रामलला के शिफ्टिंग का कार्य होगा।
चांदी के सिंहासन पर विराजेंगे रामलला
रामलला चांदी के जिस सिंहासन पर विराजेंगे उसको श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र ने अपनी तरफ से तैयार कराया है। आज उन्होंने अपने आवास राजसदन में इसे ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ पदेन सदस्य जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की मौजूदगी में ट्रस्ट को समर्पित किया रामलला को वैकल्पिक गर्भ गृह में स्थापित करने की तैयारियों के बीच सोमवार को चांदी का सिंहासन भेंट किया गया। 9 किलो 500 ग्राम चांदी से निर्मित यह सिंहासन श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी एवं अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने राज सदन स्थित अपने आवास पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को दान स्वरूप अर्पित किया। सिंहासन जयपुर के विशेषज्ञ कलाकारों ने राज सदन में कई दिनों की मेहनत के बाद तैयार किया है। इस मौके पर ट्रस्ट के पदेन सदस्य जिला अधिकारी अनुज कुमार झा एवं एक अन्य सदस्य डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र सहित महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेद प्रकाश गुप्त, नगर आयुक्त डॉक्टर नीरज शुक्ल, बिमलेंद्र मिश्र के पुत्र एवं प्रख्यात साहित्यकार यतींद्र मिश्र आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
अयोध्या में सोमवार करीब एक दर्जन वैदिक विद्वान रामलला को शिफ्ट करने के लिए भूमि पूजन और अनुष्ठान कर रहे हैं। अनुष्ठान मात्र दो दिन ही चलेगा। इसके बाद 25 मार्च को सुबह रामलला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। शिफ्टिंग 15 वैदिक विद्वान कराएंगे। यह वैदिक विद्वान दिल्ली, प्रयागराज, काशी और अयोध्या के होंगे। अब 25 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीदें कम है। अब सिर्फ वैदिक विद्वानों के साथ ट्रस्ट के पदाधिकारी रामलला को आस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर देंगे।
30 अप्रैल को हो सकता है राम मंदिर के लिए भूमि पूजन
रामलला को शिफ्ट करने के बाद यहां पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन का समतलीकरण शुरू हो जाएगा। अब अप्रैल के आखिरी सप्ताह में भूमि पूजन भी किया जा सकता है। यहां पर चार अप्रैल को अयोध्या में आयोजित ट्रस्ट की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाना है।
रास्ते का भी शुद्धिकरण होगा
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र के अनुसार किसी भी नए मंदिर में भगवान को विराजमान कराने से पहले उसकी धर्म संगत मान्यताएं हैं। भगवान को विराजमान करने से पहले जमीन और मंदिर दोनों को पवित्र कराया जाएगा। रामलला को शिफ्ट करने से पहले रास्ते का भी शुद्धिकरण होगा और वैदिक मंत्रोचार के साथ रामलला पुराने मंदिर से नए आस्था मंदिर में विराजमान होने के लिए निकलेंगे।
राम जन्मोत्सव भी होगा साधारण
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के अनुसार अब इस पूरे कार्यक्रम को बहुत ही साधारण प्रक्रिया से संपन्न कराया जाएगा। देश में श्रद्धालुओं और देशवासियों की सुरक्षा की भावना को प्राथमिकता देते हुए इस कार्यक्रम को सीमित किया गया है। अब आगे का कार्यक्रम भी अब परिस्थितियों पर ही निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष भव्यता के साथ राम की नवमी मना लेंगे। रामलला के शिफ्टिंग पर बोलते हुए कहा कि सारे कार्यक्रम होंगे, लेकिन जैसी परिस्थितियां होंगी उसी के अनुरूप कार्य होगा।