मप्र में कांग्रेस ने डेढ़ दर्जन समाजों को साधा, 105 सीटों पर टिकट की मांग
समाजों के प्रतिनिधियों ने अपनी आबादी और मतदाता संख्या के आधार पर कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास कराया।
नईदुनिया, भोपाल। विधानसभा चुनाव 2018 में इस बार मध्य प्रदेश में जातीय समीकरण हावी होने के आसार हैं। इन संभावनाओं को आंकते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) ने कमलनाथ के कमान संभालने के बाद समाजों की बैठकों, सम्मेलनों का आयोजन शुरू किया है।
अब तक करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा समाजों का साथ लेने के लिए कमलनाथ उनके प्रतिनिधियों से मिल चुके हैं। पार्टी कई समाजों को अपने साथ लेने की कोशिश में लगी थी, लेकिन उनके नेताओं ने इस बहाने अपने-अपने लिए 105 से ज्यादा सीटों की मांगें रख दी है।
प्रदेश कांग्रेस में पिछले साढ़े चार महीने में जितनी बैठकें हुई, उनमें उनकी संख्या ज्यादा रही है जिनसे पार्टी को सामाजिक समीकरण बैठाने में सुविधा हो। समाजों के प्रतिनिधियों ने अपनी आबादी और मतदाता संख्या के आधार पर कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास भी कराया।
कमलनाथ से अब तक तैलिक, यादव, बौद्ध, दाऊदी बोहरा, मीणा, बंजारा, गुर्जर, पाटीदार, कोली, बलाई, स्वर्णकार, कुशवाह, जाट, चौरसिया, कुमावत, तंबोली बरई, धानुक, वंशकार, धनगर, दांगी समाज के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है। कुछ समाजों ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मांगा, लेकिन संगठन में अपने समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग जरूर की।
आबादी के आंकड़ों से दबाव
कमलनाथ के साथ तैलिक साहू समाज की सबसे पहली बैठक हुई, जिसने प्रदेश में अपनी 40 लाख की आबादी होने का दावा किया था। वहीं, दाऊदी बोहरा समाज ने उनको 20 लाख की आबादी बताई और मालवा क्षेत्र के रतलाम में ज्यादा प्रभाव होने की बात कही।
पाटीदार समाज ने कांग्रेस से टिकट की मांग के लिए प्रदेश की जनसंख्या में 60 लाख की आबादी की हिस्सेदारी बताई। वहीं कांग्रेस ने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, आदिवासी, स्वर्णकार पंचायत जैसे आयोजनों में पहुंचकर उनके वोट हासिल करने की कवायद भी की है।
पिछड़ा वर्ग ने 51 सीटें मांगी हैं तो जाट महासमाज ने हरदा, होशंगाबाद और बैतूल जिलों में टिकट की मांग रखी। आदिवासी सम्मेलन में भी कुछ इसी तरह की मांगें उठीं, जिनमें आरक्षित विधानसभा क्षेत्र के अलावा भी अनुसूचित जनजाति की प्रभावी आबादी वाले सामान्य क्षेत्रों में टिकट की मांग रखी गई है।
किस समाज ने कितनी सीटें मांगी
दांगी- 50
गुर्जर- 20
पाटीदार- 12
जाट- 10
कुशवाह- 5
कोली- 5
दाऊदी बोहरा- 1
बौद्ध- 1
(नोट- इन समाजों के अलावा बड़ी संख्या में अजा-जजा व पिछड़ा वर्ग के माध्यम से भी सीटें मांगी गई हैं।)