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कृषि कानून के विरोध में कांग्रेसियों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

कांग्रेस महानगर कमेटी ने महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला के नेतृत्व में शनिवार को कृषि कानून के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा। महानगर कमेटी ने कृषि कानून को रद्द करने की मांग की।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 06:09 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 06:09 PM (IST)
कृषि कानून के विरोध में कांग्रेसियों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला का कहना है कि मोदी सरकार कांट्रैक्ट खेती का कानून लेकर आई है

बरेली, जेएनएन।  कांग्रेस महानगर कमेटी ने महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला के नेतृत्व में शनिवार को कृषि कानून के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा। महानगर कमेटी ने कृषि कानून को रद्द करने की मांग की। 

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महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला का कहना है कि मोदी सरकार कांट्रैक्ट खेती का कानून लेकर आई है। इससे किसानों और मजदूरी पर खेती करने वालों को नुकसान होगा। निजी कंपनियां अपनी शर्तों पर खेती कराएंगी और किसानों का शोषण करेंगी। किसान विरोधी कानून के जरिए भंडारण वितरण और प्रसंस्करण पर सरकारी नियंत्रण कम हो जाएगा। इससे किसानों को फायदा नहीं होगा। 

कांग्रेसी पहले दामोदर स्वरुप पार्क के पास एकत्रित हुए। इसके बाद वहां से पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां पर उन्होंने एसीएम प्रथम रोहित यादव को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। 

महानगर अध्यक्ष ने कहा कि पूरा देश देख रहा है किस तरह किसानों के ऊपर अत्याचार किया जा रहा है। किसानों को पानी मारा जा रहा है, लाठियां बरसाई जा रही है। दिल्ली आने से रोकने के लिए सड़के खोद दी गयी हैं, तीन दिन के संघर्ष के बाद भी किसान ठंड में  सड़को पर सोने को मजबूर हैं। इस सब का जिम्मेदार कोई है तो वो नरेंद्र मोदी सरकार है।

केंद्र की भाजपा सरकार के कृषि कानूनों में किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कहीं भी वर्णन नहीं किया गया है। इससे किसानों को उनकी लागत भी वापस नहीं मिल पाएगी। नए कृषि कानून देश के अन्नदाता को गुलामी की ओर धकेलने का काम करेंगे, भाजपा सरकार एक बार फिर देश को प्राइवेट कंपनियों के हाथों बेच देना चाहती है।


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