प्रियंका वाड्रा ने प्रतियोगी छात्रों से किया संवाद, कहा- भर्तियों को अटकाना युवाओं के साथ अन्याय
कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने ग्राम विकास अधिकारी और दारोगा भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया कि युवा आक्रोश के बाद जागी यूपी सरकार आज बैठक कर भर्तियों पर विचार कर रही है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब अचानक से युवा और रोजगार का मुद्दा गर्माने लगा है। राज्य सरकार जहां नई भर्तियों की रूपरेखा बनाने में जुटी है, वहीं कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा पुरानी लटकी भर्तियों को लेकर सवाल उठा रही हैं। प्रतियोगी छात्रों के साथ संवाद के बाद प्रियंका ने कहा कि भर्तियों को अटकाना-भटकाना युवाओं के साथ अन्याय है।
कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने सोमवार को ग्राम विकास अधिकारी और दारोगा भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया कि युवा आक्रोश के बाद जागी यूपी सरकार आज बैठक कर भर्तियों पर विचार कर रही है। युवा जानना चाहते हैं कि सरकार गंभीर होकर प्रत्येक भर्ती के लिए सभी मसले सुलझाकर नियुक्ति की पक्की डेडलाइन का व्योरा रखेगी या नहीं? भर्तियों में देरी, उन्हें अटकाना-भटकाना युवा के साथ अन्याय है। यह बंद करिए।
युवा आक्रोश के बाद जागी यूपी सरकार आज बैठक कर भर्तियों पर विचार कर रही है।
युवा जानना चाहते हैं सरकार गंभीर होकर प्रत्येक भर्ती के लिए सभी मसले सुलझाकर नियुक्ति की पक्की डेडलाइन का ब्योरा रखेगी या नहीं?
भर्तियों में देरी, उन्हें अटकाना-भटकाना युवा के साथ अन्याय है। ये बंद करिए pic.twitter.com/HdGbGjQk6A— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 21, 2020
प्रियंका वाड्रा ने आगे लिखा कि वीडीओ 2018 के युवा प्रतिभागियों से संवाद में पता चला कि यह लोग परीक्षा दे चुके हैं, रिजल्ट आ चुका है, लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। उत्तर प्रदेश सरकार नहीं बताती कि नियुक्ति क्यों रुकी है। भर्तियों पर हो रही सरकार की मीटिंग से इन्हें न्याय मिलना चाहिए। इसी तरह की बात पुलिस में एसआइ भर्ती के प्रतिभागियों से भी हुई। एक बात कॉमन है कि सरकार की तरफ से न तो कोई साफ कम्युनिकेशन है और न ही कोई डेडलाइन। येनकेन प्रकारेण भर्ती प्रक्रिया फंस जाती है या फंसा दी जाती है। सरकार को युवाओं को रोजगार का हक देना चाहिए, न कि यह चिंता कि कब मिलेगी उनके हक की भर्ती।