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ERCP के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने, किरोड़ी लाल मीणा ने समर्थकों के साथ किया जयपुर कूच

सीएम गहलोत और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव में जयपुर और अजमेर की सभा में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था। लेकिन अब तक यह नहीं किया गया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2022 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 07:55 PM (IST)
ERCP के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने, किरोड़ी लाल मीणा ने समर्थकों के साथ किया जयपुर कूच
मीणा ने राजभवन और मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की घोषणा की

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में विधानसभा चुनाव करीब 15 महीने बाद होने हैं । लेकिन राजनीतिक पार्टियों ने मतदाताओं को लुभाने को लेकर अभी से कसरत तेज कर दी है। कांग्रेस जहां पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा को घेरने में जुटी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार पत्र लिखा है।वहीं, भाजपा का प्रदेश संगठन इस मुद्दे पर चुप हैं। हालांकि, भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने पूर्वी राजस्थान में अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिहाज से मंगलवार को दौसा जिले के नांगल प्यारीवास में सभा की और फिर अपने समर्थकों के साथ जयपुर कूच किया।

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मीणा ने राजभवन और मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की घोषणा की। हालांकि, पुलिस ने उन्हे रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान मीणा समर्थकों और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इससे पहले हुई सभा को संबोधित करते हुए मीणा ने कहा कि 13 जिलों का नारा है,जलक्रांति लाना है। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार या तो ईआरसीपी परियोजना लाए या फिर कुर्सी छोड़े। भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस परियोजना पर राजनीति कर रही है।

यह है ERCP परियोजना का विवाद

सीएम गहलोत और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव में जयपुर और अजमेर की सभा में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था। लेकिन अब तक यह नहीं किया गया है। राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में कमी निकाल कर केंद्र सरकार इस परियोजना को मंजूरी नहीं दे रही है। इस परियोजना के अमल में आने के बाद 13 जिलों में सिंचाई और पीने का पानी पहुंचेगा । वहीं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कई बार कहा कि पीएम ने इस तरह का कोई वादा नहीं किया था। इस मुददे को लेकर कांग्रेस और भाजपा में विवाद है। केंद्र सरकार से जुड़ा मामला होने के कारण भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेता इस मामले में अधिकारिक रूप से नहीं बोल रहे हैं।

गहलोत ने कहा, चौहान से बात की है

प्रदेश के 13 जिलों की 86 विधानसभा सीटें इस परियोजना से प्रभावित होने की उम्मीद है । मीणा के सक्रिय होते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात हुई है। चौहान को अवगत करवाया है कि साल, 2005 में राजस्थान- मध्य प्रदेश अन्तर्राज्यीय नियंत्रण मण्डल की 13वीं बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ही ईआरसीपी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। चौहान ने सभी मुद्दों पर चर्चा एवं सहमति बनाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के स्तर पर एक बैठक रखने पर सहमति जताई है।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान में चंबल की सहायक नदियों से प्राप्त हो रहे पानी पर आधारित इस प्रोजेक्ट में मध्यप्रदेश से बहकर आने वाले पानी के 10 प्रतिशत से कम हिस्से का उपयोग होगा। अतः वर्ष 2005 में लिए गए निर्णय के अनुसार ऐसी परियोजनाओं के लिए मध्य प्रदेश की सहमति की आवश्यकता नहीं है।मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व में राजस्थान ने भी मध्यप्रदेश द्वारा इस प्रकार चंबल एवं सहायक नदियों पर बनाई गई परियोजनाओं में आपत्ति प्रकट नहीं की थी तथा मध्यप्रदेश ने उन नदियों पर बांधों का निर्माण कर लिया। इसी प्रकार ईआरसीपी पर भी मध्य प्रदेश का सहयोग अपेक्षित है।


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