10 लाख ओबीसी स्टूडेंट्स की शुल्क प्रतिपूर्ति अटकने पर सीएम योगी नाराज, तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में इस वर्ष ओबीसी के 22 लाख स्टूडेंस्ट ने शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया जिसमें सिर्फ 12 लाख स्टूडेंस्ट की शुल्क प्रतिपूर्ति हुई है।
लखनऊ, जेएनएन। बजट के अभाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिपूर्ति अटक गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इतने अधिक संख्या में छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिपूर्ति न होने पर नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि लाभार्थियों के खातों में भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही तीन दिनों में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता व लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
दरअसल, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में इस वर्ष अन्य पिछड़ा वर्ग के करीब 22 लाख छात्र-छात्राओं ने शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था। विभाग केवल 12 लाख छात्र-छात्राओं की ही शुल्क प्रतिपूर्ति कर सका है जबकि 10 लाख छात्र-छात्राएं वंचित रह गए हैं।
यह दिक्कत इसलिए आई क्योंकि अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का बजट मद अलग-अलग हैं। दोनों में ही करीब 600-600 करोड़ रुपये का बजट आवंटित था। शुल्क प्रतिपूर्ति में इतने बजट से करीब 12 लाख छात्र-छात्राओं की ही शुल्क प्रतिपूर्ति हो सकी। जबकि छात्रवृत्ति के बजट से 20 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई।
प्रथम श्रेणी में पास छात्रों की भी नहीं हुई शुल्क प्रतिपूर्ति
समाज कल्याण विभाग में सामान्य वर्ग के 33 फीसद अंकों में पास छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिपूर्ति हो गई है जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग में ओबीसी में 66 फीसद अंक पाने वाले छात्रों की भी शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं हो सकी है। इस कारण ओबीसी छात्रों में ज्यादा नाराजगी है। समाज कल्याण विभाग ऐसा इसलिए कर सका क्योंकि उसके यहां छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का एक ही बजट मद है। इस कारण उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष में शुल्क प्रतिपूर्ति सबसे पहले की। इस कारण समाज कल्याण विभाग में एससी, एसटी व सामान्य वर्ग के ज्यादातर पात्र छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिपूर्ति हो गई है। यहां केवल छात्रवृत्ति का पैसा ही देने के लिए बचा है।
900 करोड़ रुपये मिलें तो हो सकती है शुल्क प्रतिपूर्ति
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बावजूद ओबीसी के बचे हुए 10 लाख छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिपूर्ति व दो लाख छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति तभी मिल सकती है जब विभाग को 900 करोड़ रुपये और मिलें। विभाग ने सरकार से इस अतिरिक्त बजट की मांग की है।