Move to Jagran APP

गोआश्रय स्थलों के लिए अब तीन फीसद मंडी सेस, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को दिये निर्देश

सीएम योगी ने कहा कि मंडियों से मिलने वाला उपकर उन्हीं संस्थाओं को दिया जाए जो सेवा भाव से गो-आश्रय चलाते हैं। इसका कुछ हिस्सा पशुपालन विभाग को भी दिया जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 04:08 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 10:02 AM (IST)
गोआश्रय स्थलों के लिए अब तीन फीसद मंडी सेस, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को दिये निर्देश
गोआश्रय स्थलों के लिए अब तीन फीसद मंडी सेस, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को दिये निर्देश

लखनऊ, जेएनएन। गो-आश्रय स्थलों के रखरखाव के लिए मंडियों की आय से दो के बजाए तीन प्रतिशत सेस वसूला जाए। यह धनराशि केवल उन्हीं संस्थाओं को दें जो सेवा भाव से गोसेवा कर रही हैं। इसमें से कुछ हिस्सा पशुपालन विभाग को भी जाए। दो फीसद सेस छात्रवृत्ति पर भी खर्च हो।

loksabha election banner

गुरुवार को यह निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आयोजित राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद उप्र के संचालक परिषद की 157 वीं बैठक में दिए। मुख्यमंत्री ने मंडियों की आय वृद्धि पर संतोष जताया। खाड़ी देशों में तनाव की आड़ में कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रखने की हिदायत दी। कहा कि कुछ लोग आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी, भंडारण व तस्करी में लिप्त हो सकते हैं। कृत्रिम कमी बनाते हुए कीमतें बढ़ाने की साजिश भी कर सकते हैं। खासकर दाल, तेल, सब्जी आदि पर लगातार नजर रखें।

जैविक जांच को सभी केवीके पर बनें प्रयोगशाला

मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि जैविक उत्पादों की जांच कराने के लिए प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाए। लखनऊ, वाराणसी व गोरखपुर के साथ ही बुंदेलखंड व पश्चिमी उप्र में भी एक-एक प्रयोगशाला स्थापित की जाएं। बेहतर हो प्रत्येक जिले में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में भी इस तरह की एक लैब स्थापित की जाए। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में जो 500 हाट पैठ बनाने हैं, वे चिन्हित ग्राम पंचायतों की सहमति से बनें। उनके रखरखाव के लिए पंचायतों को जवाबदेह बनाया जाए। इसके लिए पंचायतें न्यूनतम शुल्क भी लें।

बुंदेलखंड की नवनिर्मित मंडियों को शीघ्र सक्रिय करें

मुख्यमंत्री योगी ने बुंदेलखंड में पैकेज के अंतर्गत बनाई मंडियों के सक्रिय न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अब तक जो मंडी खाली हैं, वहां सुविधाएं बढ़ा कर व्यापारियों को शिफ्ट कराएं। कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने और निर्यात शर्तें स्पष्ट करने को कहा।इससे पहले प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने उपलब्धियों के बारे में बताया। निदेशक जितेंद्र प्रताप सिंह ने मंडी की योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने बताया कि मंडी शुल्क और विकास सेस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बैठक में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीराम चौहान के साथ मुख्य सचिव आरके तिवारी भी मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.