CM योगी आदित्यनाथ बोले- किसानों से दुर्व्यवहार कतई बर्दाश्त नही, किसानों को करें जागरूक
Parali Burning Issue मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पराली जलाने से होने वाली क्षति के प्रति किसानों को जागरूक करें। किसी भी स्थिति में कहीं भी इस मुद्दे पर किसानों से बदसलूकी सहन नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा पराली को लेकर कई गाईडलाइन जारी की जा चुकी हैं।
लखनऊ, जेएनएन। पराली जलाने को प्रदेश में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। ऐसे में पुलिस प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों के प्रति कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ने साफ लफ्जों में कहा है कि किसानों के साथ दुर्व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह लोग पराली जलाने वाले किसानों को इससे होने वाले नुकसान तथा इसके उपयोग के प्रति जागरूक करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पराली ( फसल अपशिष्ट) जलाने से होने वाली क्षति के प्रति किसानों को जागरूक करें। किसी भी स्थिति में कहीं भी इस मुद्दे पर किसानों से बदसलूकी सहन नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली को लेकर पहले ही कई गाईडलाइन जारी की जा चुकी हैं। अब सूबे में अभियान चलाकर अधिकांश किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और नहीं जलाने से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी जाए। उन्हेंं बताएं कि पराली जलाना पर्यावरण के साथ आपकी जमीन की उर्वरा शक्ति के लिए भी ठीक नहीं है।
प्रिय किसान भाइयों,
आपका प्रकृति एवं पर्यावरण से अभिन्न सम्बन्ध है। पराली का जलना पर्यावरण एवं हम सबके लिए अत्यंत हानिकारक है।
आप अन्नदाता हैं, आपका कार्य जीवन को सम्बल देना है।
आइए, पराली न जलाने व पर्यावरण के अनुकूल माध्यमों से उसके उत्पादक उपयोग का प्रण लें।— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 6, 2020
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल) ने देश में कहीं भी पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है। किसान ऐसा करने की जगह उन योजनाओं का लाभ उठाएं जिससे पराली को निस्तारित कर उसे उपयोगी बनाया जा सकता है। सरकार ऐसे कृषि यंत्रों पर अनुदान भी दे रही है।
प्रिय किसान भाइयों,
आपका प्रकृति एवं पर्यावरण से अभिन्न सम्बन्ध है। पराली का जलना पर्यावरण एवं हम सबके लिए अत्यंत हानिकारक है।
आप अन्नदाता हैं, आपका कार्य जीवन को सम्बल देना है।
आइए, पराली न जलाने व पर्यावरण के अनुकूल माध्यमों से उसके उत्पादक उपयोग का प्रण लें।— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 6, 2020
कई जगह किसानों ने इन कृषि यंत्रों के जरिए पराली को कमाई का जरिया बनाया है। बाकी किसान भी इनसे सीख ले सकते हैं। किसानों के ये सारी चीजें बताई जानी चाहिए। पराली के साथ फसल के लिए सर्वाधिक जरूरी पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (एनपीके) के साथ अरबों की संख्या में भूमि के मित्र बैक्टीरिया और फफूंद भी जल जाते हैं। यही नहीं, बाद में भूसे की भी किल्लत बढ़ जाती है।