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Rajasthan Political Crisis: सीएम अशोक गहलोत बोले, कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है

Rajasthan Political Crisis राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने खेमे के विधायकों से कहा कि राजनीति में कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 06:05 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:05 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: सीएम अशोक गहलोत बोले, कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है
Rajasthan Political Crisis: सीएम अशोक गहलोत बोले, कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सियासी संकट के बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी मुलाकात के बाद अब उनकी कांग्रेस में वापसी लगभग तय मानी जा रही है। उधर, पार्टी आलाकमान का रुख देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने खेमे के विधायकों से कहा कि राजनीति में कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बाद दिल पर पत्थर रखकर फैसले करने पड़ते हैं। सोमवार को जैसलमेर से जयपुर रवाना होने से पहले गहलोत ने अपने विश्वस्त मंत्रियों व विधायकों के साथ विचार-विमर्श किया।

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इससे पहले रविवार शाम को हुई विधायकों की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य विधायकों ने बागियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इन्हें अब कभी वापस नहीं लिया जाना चाहिए। इस पर गहलोत ने कहा कि हमें आलाकमान के फैसले का सम्मान करना है। आलाकमान जो भी फैसला करेगा, उसे हम मानेंगे। गहलोत ने कहा कि राजनीति में कई बार नहीं चाहते हुए भी कई बातें माननी पड़ती हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बागियों को कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए वापस आना चाहिए ।

उधर, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि बागी विधायक अगर फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के पक्ष में वोट करते हैं तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। रघुवीर मीणा के बयान को सुलह की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस कोशिश कर रही है कि 14 अगस्त से पहले किसी भी फॉर्मूले पर बात बन जाए और पायलट वापसी के लिए तैयार हो जाएं, ताकि फ्लोर टेस्ट से पहले ही सरकार को सुरक्षित किया जा सके। कांग्रेस की इस कोशिश की एक वजह बसपा के छह विधायकों पर मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट से आने वाला संभावित फैसला भी है। अगर हाईकोर्ट बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय पर स्टे देता है तो सरकार को बचाना मुश्किल हो जाएगा। 


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