राजस्थान में एक-दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे गहलोत और पायलट
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं अब गहलोत ने पायलट के जन्मदिन पर रक्तदान शिविर का रिकॉर्ड मांगा।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का विवाद ऊपरी तौर पर तो शांत नजर आ रहा है। लेकिन दोनों ही नेता एक-दूसरे को घेरने अथवा कमजोर करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। दोनों नेता खुद और उनके समर्थक सत्ता व संगठन में समन्वय कायम करने के स्थान पर खुद को मजबूत करने में जुटे हैं। उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पायलट ने प्रदेश में पकड़ दिखाने के लिहाज 7 सितंबर को अपने जन्मदिन पर जिला व तहसील स्तर पर रक्तदान शिविर आयोजित कराए। समर्थक जयपुर में बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पायलट ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए भीड़ एकत्रित नहीं करने का निर्णय लिया।
पायलट ने अपने समर्थकों से रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए कहा । पायलट के आह्वान पर प्रदेशभर में रक्तदान शिविर आयोजित हुए। पायलट खेमे ने प्रदेश में पहली बार एक साथ 45 हजार यूनिट ब्लड एकत्रित होने का दावा किया। इतने बड़े पैमाने पर रक्तदान शिविर आयोजित होने की जानकारी पायलट खेमे ने कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचाई। जयपुर से दिल्ली तक पहुंचाई गई जानकारी की हकीकत पता करने के लिए अब अब सरकारी तंत्र लग गया है । जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय के निदे्रश पर जिला कलेक्टर्स व चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा के कहने पर जिला स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारी रक्तदान की हकीकत का पता लगाने में जुटे हैं।
चिकित्सा अधिकारी और उपखंड अधिकारी सभी ब्लड बैंकों से यह पता करने में जुटे हैं कि पायलट के जन्मदिन पर उनके यहां कितनी यूनिट खून जमा हुआ । जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई जाएगी । एक जिला कलेक्टर ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पिछले दो दिन से मुख्यमंत्री कार्यालय एवं चिकित्सा मंत्री के दफ्तर से इस बारे में रिपोर्ट मांगी जा रही है।
दरअसल, गहलोत यह जानकारी एकत्रित कर एक तरफ तो पायलट की पकड़ का पैमाना नापना चाहते हैं,वहीं दूसरी तरफ इस जुगाड़ में हैं कि अगर दावे से कम यूनिट ब्लैड बैंकों में जमा होने की बात सामने आती है तो इसे आलाकमान तक पहुंचा कर पायलट को नीचा दिखाने का प्रयास किया जाए ।
पायलट खेमा गहलोत पर साध रहा निशाना
पायलट और उनक समर्थक भी गहलोत पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे । पायलट ने दो दिन पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गुर्जर समाज सहित पांच जातियों को अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का सही लाभ नहीं मिलने की बात कही । उन्होंने देवनारायण बोर्ड की योजनाओं के तहत होने वाले विकास कार्य भी ठप्प होने की बात कही ।पायलट ने मुख्यमंत्री को लिखा यह पत्र सार्वजनिक भी किया । इसी तरह पायलट समर्थकों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन से मुलाकात कर गहलोत सरकार के कामकाज की रवैये को गलत बताते हुए कुछ दस्तावेज सौंपे । सरकार में कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिलने,ब्यूरोक्रेसी हावी होने की बात पायलट के विश्वस्त विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, बृजेंद्र ओला, वेदप्रकाश सोलंकी और सुरेश मोदी ने माकन को कही । इन विधायकों ने मंत्रियों के कामकाज के तरीके पर भी सवाल उठाया।