राजस्थान सियासी संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की
राजस्थान में चल रहे सियासी संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार रात राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इसके बाद रविवार सुबह अपने विश्वस्तों के साथ चर्चा की।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में चल रहे सियासी संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार रात राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इसके बाद रविवार सुबह अपने विश्वस्तों के साथ चर्चा की।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को102 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी। शाम को भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायकों द्वारा सरकार को समर्थन दिए जाने की घोषणा और मुलाकात के बाद गहलोत राज्यपाल से मिलने पहुंचे। करीब 45 मिनट की मुलाकात में गहलोत ने कांग्रेस, निर्दलीय, भारतीय ट्राइबल पार्टी व माकपा के विधायकों की सूची सौंपकर कहा कि उन्हे समर्थन हासिल है।
उन्होने राज्यपाल को कोरोना महामारी के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी। उल्लेखनीय है कि 200 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान राजनीति हालात में सचिन पायलट के साथ कुल 23 विधायक हैं । इनमें 19 कांग्रेस व 3 निर्दलीय विधायक शामिल है। वहीं भाजपा के खुद के 72 विधायकों के साथ ही सहयाेगी राष्ट्रीय लोकदल के 3 विधायक एकजुट है। इस तरह एनडीए में 75 विधायक हैं। वहीं 102 विधायक कांग्रेस के साथ हैं। इनमें कांग्रेस के खुद के 88, 10 निर्दलीय, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 और माकपा के 2 विधायक शामिल है।
इस बीच जयपुर की एक अदालत ने संजय जैन को राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप की चार दिन की रिमांड पर भेज दिया है। बता दें कि कथित खरीद फरोख्त के सनसनीखेज ऑडियो टेप सामने आने के बाद राजस्थान कांग्रेस और भाजपा दोनों आमने-सामने आ गए हैं। राजस्थान एसओजी भी इस मामले की तेजी से छानबीन में जुट गई है। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने राजभवन पहुंचे जिससे तमाम अटकलें लगाई जाने लगीं।
दूसरी ओर राजस्थान भाजपा ने कहा है कि राज्य के गृह एवं मुख्य सचिव ने फोन टैपिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में क्या बिना किसी आधिकारिक आदेश के फोन टैप करना हमारे नागरिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है? भाजपा नेता गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करते हैं लेकिन यदि अशोक गहलोत जी को लगता है कि उनके पास बहुमत है तो उन्हें इसे साबित करना चाहिए।