भाजपा से चौथी बार RS जाएंगे रविशंकर, किया नामांकन ...ये भी कूदे मैदान में
आगामी 23 मार्च को बिहार की छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव है। इसके लिए सभी दलों के प्रत्याशियों ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया।
By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 12 Mar 2018 08:41 AM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 10:43 PM (IST)
style="text-align: justify;">पटना [जेएनएन]। राज्यसभा की छह सीटों पर 23 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए बिहार से सभी दलों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में कूद चुके हैं। सोमवार को भाजपा से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद तथा जदयू से प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह व किंग महेंद्र ने नामांकन दाखिल किए। उधर, राजद से राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा व अशफाक करीम तथा कांग्रेस से पूर्व मंत्री अखिलेश सिंह ने पर्चे भरे। अब स्क्रूटनी मंगलवार को होगी। विदित हो कि आगामी दो अप्रैल को राज्य सभा की छह सीटें रिक्त हो रहीं हैं।
भाजपा से रविशंकर प्रसाद ने दाखिल किया नामांकन
बिहार में राज्यसभा की रिक्त सीट पर सोमवार को भाजपा से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नामांकन दाखिल किया। उनका भाजपा से चौथी बार राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है। नामांकन के दौरान राजग से तमाम बड़े नेता व मंत्री-विधायक मौजूद रहे।
जदयू से वशिष्ठ और किंग महेंद्र ने भरे पर्चे
जदयू के दो प्रत्याशी प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र ने भी सोमवार को नामांकन दाखिल किए।
राजद से अशफाक व मनोज मैदान में कूदे
रविवार को दिनभर राज्यसभा प्रत्याशियों को लेकर बिहार में अटकलबाजी चली। भाजपा ने अपने हिस्से की एक सीट के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की उम्मीदवारी का एेलान पहले ही कर दिया था। रविवार शाम राजद ने भी अपने दोनों प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे एवं राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने प्रेस कान्फ्रेंस करके मनोज झा एवं अशफाक करीम के नामों का एलान किया।
इसके बाद सोमवार को दोनों ने विधानसभा के सचिव रामश्रेष्ठ राय के समक्षउ नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, रामचंद्र पूर्वे और भोला यादव समेत राजद के सभी विधायक मौजूद थे।
कांग्रेस से अखिलेश ने भरा पर्चा
कांग्रेस से पूर्व मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह की दावेदारी पहले से ही आगे मानी जा रही थी। लालू प्रसाद से करीबी रिश्ता, अशोक चौधरी के दल बदलने के बाद पार्टी की जरूरतों एवं सामाजिक समीकरणों के हिसाब से अखिलेश सब पर भारी पड़े। सोमवार को वे प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी के साथ नामांकन करने पहुंचे।
कागजात दुरुस्त नहीं रहने के कारण उनके नामांकन में कुछ विलंब हुआ।
दोनों गठबंधनों को मिलेंगी तीन-तीन सीटें
विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से दोनों गठबंधनों के हिस्से में तीन-तीन सीटें आसानी से आती दिख रही हैं। राजद एवं जदयू के खाते में दो-दो और भाजपा एवं कांग्र्रेस के खाते में एक-एक सीट आसानी से आ जाएगी। खाली होने वाली सभी छह सीटें सत्तारूढ़ गठबंधन की हैं। इस तरह राजद-कांग्र्रेस को तीन सीटों का फायदा होगा। कांग्र्रेस का बिहार से राज्यसभा में एक भी नुमाइंदा नहीं है। इस बार उसका भी खाता खुल जाएगा।
नहीं आ सकती मतदान की नौबत
दोनों गठबंधनों की तैयारी को देखते हुए माना जा रहा है कि छठी सीट के लिए सातवां उम्मीदवार नहीं खड़ा होने जा रहा है। सभी छह सीटों के लिए अगर सिर्फ छह प्रत्याशी ही पर्चा भरेंगे तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी। भाजपा भी इसके पक्ष में नहीं है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार अभी तक किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया है। 13 को नामांकन पत्रों की जांच होगी। नाम वापसी की आखिरी तारीख 15 मार्च है। जरूरत पडऩे पर सुबह नौ से शाम बजे तक मतदान कराया जाएगा।
भाजपा से रविशंकर प्रसाद ने दाखिल किया नामांकन
बिहार में राज्यसभा की रिक्त सीट पर सोमवार को भाजपा से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नामांकन दाखिल किया। उनका भाजपा से चौथी बार राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है। नामांकन के दौरान राजग से तमाम बड़े नेता व मंत्री-विधायक मौजूद रहे।
जदयू से वशिष्ठ और किंग महेंद्र ने भरे पर्चे
जदयू के दो प्रत्याशी प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र ने भी सोमवार को नामांकन दाखिल किए।
राजद से अशफाक व मनोज मैदान में कूदे
रविवार को दिनभर राज्यसभा प्रत्याशियों को लेकर बिहार में अटकलबाजी चली। भाजपा ने अपने हिस्से की एक सीट के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की उम्मीदवारी का एेलान पहले ही कर दिया था। रविवार शाम राजद ने भी अपने दोनों प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे एवं राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने प्रेस कान्फ्रेंस करके मनोज झा एवं अशफाक करीम के नामों का एलान किया।
इसके बाद सोमवार को दोनों ने विधानसभा के सचिव रामश्रेष्ठ राय के समक्षउ नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, रामचंद्र पूर्वे और भोला यादव समेत राजद के सभी विधायक मौजूद थे।
कांग्रेस से अखिलेश ने भरा पर्चा
कांग्रेस से पूर्व मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह की दावेदारी पहले से ही आगे मानी जा रही थी। लालू प्रसाद से करीबी रिश्ता, अशोक चौधरी के दल बदलने के बाद पार्टी की जरूरतों एवं सामाजिक समीकरणों के हिसाब से अखिलेश सब पर भारी पड़े। सोमवार को वे प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी के साथ नामांकन करने पहुंचे।
कागजात दुरुस्त नहीं रहने के कारण उनके नामांकन में कुछ विलंब हुआ।
दोनों गठबंधनों को मिलेंगी तीन-तीन सीटें
विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से दोनों गठबंधनों के हिस्से में तीन-तीन सीटें आसानी से आती दिख रही हैं। राजद एवं जदयू के खाते में दो-दो और भाजपा एवं कांग्र्रेस के खाते में एक-एक सीट आसानी से आ जाएगी। खाली होने वाली सभी छह सीटें सत्तारूढ़ गठबंधन की हैं। इस तरह राजद-कांग्र्रेस को तीन सीटों का फायदा होगा। कांग्र्रेस का बिहार से राज्यसभा में एक भी नुमाइंदा नहीं है। इस बार उसका भी खाता खुल जाएगा।
नहीं आ सकती मतदान की नौबत
दोनों गठबंधनों की तैयारी को देखते हुए माना जा रहा है कि छठी सीट के लिए सातवां उम्मीदवार नहीं खड़ा होने जा रहा है। सभी छह सीटों के लिए अगर सिर्फ छह प्रत्याशी ही पर्चा भरेंगे तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी। भाजपा भी इसके पक्ष में नहीं है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार अभी तक किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया है। 13 को नामांकन पत्रों की जांच होगी। नाम वापसी की आखिरी तारीख 15 मार्च है। जरूरत पडऩे पर सुबह नौ से शाम बजे तक मतदान कराया जाएगा।
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