Rajasthan: राजस्थान भाजपा में नई नियुक्तियों को लेकर सक्रिय हुए खेमे
Rajasthan BJP पूनिया को पार्टी के युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के अलावा ओबीसी एससी एसटी मोर्चा अल्पसंख्यक किसान मोर्चा सहित अग्रिम संगठनों के मुखिया बदलने हैं।
राज्य ब्यूरो, जयपुर। Rajasthan BJP: राजस्थान के हालिया सियासी संकट के अंतिम समय में सामने आई प्रदेश भाजपा की खेमेबाजी अभी थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं। राजस्थान भाजपा में संगठन से जुड़े मोर्चों और प्रकोष्ठ आदि में नई नियुक्तियां होनी हैं और इसे लेकर पार्टी में अलग-अलग जगह लॉबिंग होती दिख रही है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की बढ़ती सक्रियता को काफी अहम माना जा रहा है। राजस्थान के एक माह तक चले सियासी संकट के अंतिम दिनों में वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खेमों के बीच टकराहट देखी गई थी। इसका बड़ा कारण यह था कि पूनिया ने अपनी नई घोषित कार्यकारिणी में वसुंधरा के विरोधी माने जाने वालों को अहम जिम्मेदारियां दीं और साथ ही राजे के समर्थक माने जाने वाले कार्यकर्ताओं को लगभग दरकिनार कर दिया।
अब एक बार फिर वही मौका आ रहा है। पूनिया को पार्टी के युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के अलावा ओबीसी, एससी, एसटी मोर्चा, अल्पसंख्यक, किसान मोर्चा सहित डेढ़ दर्जन से ज्यादा अग्रिम संगठनों के मुखिया बदलने हैं। पूनिया इन मोर्चा- प्रकोष्ठों के नए मुखियाओं की सूची को संगठन से जुड़े अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा कर अंतिम रूप दे रहे हैं। इसी सिलसिले में मंगलवार को भी पूनिया ने प्रदेश महामंत्री (संगठन) चंद्रशेखर से लंबी मंत्रणा की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में वसुंधरा राजे ने दिल्ली जाकर जिस तरह की सक्रियता दिखाई है और उसके बाद प्रदेश में भाजपा की खेमेबाजी उजागर हुई उसे देखते हुए अबकी बार पूनिया को कोई बीच का रास्ता निकलना पड़ सकता है। यही कारण है कि इन पदों पर नियुक्ति चाहने वाले वसुंधरा राजे के निवास पर भी पहुंच रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से राजे के निवास पर मिलने-जुलने वालों की संख्या बढ़ गई है। उनकी सरकार में मंत्री रहे नेताओं के साथ ही कई पूर्व और मौजूदा विधायक, पदाधिकारी आदि जो पिछले दिनों कहीं नहीं दिख रहे थे अब नजर आ रहे हैं। पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो अभी भी राजे को ही अपना नेता मानते हैं। भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी और एक दो अन्य विधायकों ने तो पिछले दिनों पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा भी था कि उनकी नेता वसुंधरा राजे ही हैं। विश्वास मत पर चर्चा के दौरान गायब रहे विधायकों को जयपुर बुलाया इस बीच, विधानसभा के 14 अगस्त को हुए सत्र में विश्वास मत पर चर्चा के दौरान बिना बताए गायब रहने वाले भाजपा के चार विधायकों गोपाल मीणा, हरेंद्र निनामा, गौतम मीणा व कैलाश मीणा को पार्टी ने जयपुर बुलाया है। बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने इस मामले में प्रदेश नेतृत्व से रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में इन विधायकों से पार्टी स्पष्टीकरण ले सकती है।