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CAA protest In UP : नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसा को लेकर अब राजनीतिक दलों में घमासान

CAA protest In UP नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर प्रदेश में हुई हिंसा पर अब राजनीतिक दलों में घमासान शुरू हो गया है। सभी एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 08:43 PM (IST)
CAA protest In UP : नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसा को लेकर अब राजनीतिक दलों में घमासान
CAA protest In UP : नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसा को लेकर अब राजनीतिक दलों में घमासान

लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर प्रदेश में हुई हिंसा पर अब राजनीतिक दलों में घमासान शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया कि दंगा कराने वाले सत्ता में बैठे हैं तो भाजपा की और से प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सपा को कुसूरवार ठहराया। कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार पर ही निशाना साधा है।

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सरकार में बैठे लोग ही हिंसा के लिए जिम्मेदार : अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हिंसा कराने के जिम्मेदार लोग सरकार में बैठे हैं। दंगों से भाजपा को लाभ होता है। अखिलेश ने लखनऊ में पत्रकार वार्ता कर सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री ही 'ठोक देंगे और बदला लेंगे' वाली भाषा का प्रयोग करेंगे तो पुलिस कैसे निष्पक्ष हो सकती है? उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करने के सरकार के आदेश पर सपा प्रमुख ने कहा कि इसकी शुरुआत वर्ष 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे के दोषियों से होनी चाहिए। अखिलेश ने खुद पर लगे आरोपों पर सफाई देने के साथ सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का कार्यक्रम पूरी शांति से हुआ। सरकार के इशारे पर प्रदेश में माहौल बिगाड़ा गया। एनआरसी मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को नोटबंदी की तरह लाइन में लगाने की ठान ली है। उन्होंने धारा 144 लगाने को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

पाकिस्तान की भाषा बोल रहे अखिलेश : स्वतंत्र देव

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्रकार वार्ता के तीन घंटे बाद ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन पर पलटवार किया। कहा कि अखिलेश पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब स्वतंत्र देव ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में मुस्लिम वोटों के लिए होड़ लगी है। इसके चलते देश की सुरक्षा से भी खिलवाड़ हो रहा है। सपा के सांसद, विधायक और नेताओं द्वारा लोगों को भड़का कर आगजनी और हिंसा कराने के प्रमाण मिल चुके हैं। अराजकता व गुंडागर्दी सपा की संस्कृति रही है। जब भी सपा सत्ता में रहती है तो मुजफ्फरनगर जैसे दंगे होते हैं। सपा के नेता दंगाइयों को हेलीकाप्टर से बुलाकर बिरयानी खिलाते हैं। आंतकियों को जेल से रिहा करने की योजना बनाते हैं। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश को याद रखना चाहिए कि सत्ता बदल गई है और व्यवस्था भी। अराजक तत्वों व अपराधियों को मनमानी करने की छूट नहीं है।

 

दंगाइयों के साथ खड़े नजर आए सपा के सांसद-विधायक : दिनेश शर्मा

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सपा के सांसद और विधायक दंगाइयों के साथ खड़े नजर आए। उन्होंने हिंसा और उपद्रव में बाहरी तत्वों का हाथ होने की आशंका भी जताई। कहा कि बाहर से आकर कोई यूपी में हिंसा फैलाए, यह बर्दाश्त नहीं होगा। लोक भवन में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि अखिलेश यादव बताएं कि उन्हें सीएए से आपत्ति क्यों है? अखिलेश कहते हैं कि आम आदमी को लाइन लगानी पड़ेगी। अभी विरोध सीएए का कर रहे हैं या एनआरसी की बात कर रहे हैं? डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि संभल में सपा सांसद और कानपुर में विधायक की भूमिका सबके सामने आ चुकी है। वह दंगाइयों के साथ खड़े नजर आए हैं। राजनीति में यह उचित नहीं है। सपा अध्यक्ष का परिवार भी इस मुद्दे पर उनके साथ नहीं है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ दिख रहा है, जिसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े रहे।

भाजपा की वजह से भड़की हिंसा : लल्लू

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा के लोगों की वजह से ही हिंसा भड़की और पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों का दमन किया। प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में लल्लू ने सवाल उठाया कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में प्रदर्शन के दौरान हिंसा क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि हापुड़, बिजनौर, रामपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, फीरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ समेत अन्य जिले जहां पर हिंसा की खबरें आई हैं, वहां पर तत्काल न्यायिक जांच होनी चाहिए। पुलिस की भूमिका क्या है, यह बिजनौर के पुलिस कप्तान के ऑडियो से पता चलता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सूबे में राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं की गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तारी की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं सदफ जाफर को पुलिस ने बर्बर ढंग से मारा-पीटा है। उनकी गिरफ्तारी की सूचना पुलिस ने 24 घंटे तक छिपाए रखी। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लल्लू ने उपद्रव की न्यायिक जांच और निर्दोषों की रिहाई की मांग करते हुए राज्यपाल को पत्र भी भेजा है।


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