मायावती ने कहा- प्रवासियों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस कसूरवार, हमदर्दी का किया जा रहा है नाटक
बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस की हमदर्दी को नटक करार देते हुए केंद्र सरकार को सलाह दी है कि वह कांग्रेस के पद चिह्नों पर न चले।
लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती प्रवासी श्रमिकों व कामगारों के मुद्दे पर कांग्रेस पर लगातार हमलवर हैं। राजस्थान सरकार द्वारा कोटा से आए छात्र-छात्राओं की घर वापसी का किराया मांगने पर जमकर बरसने के बाद अब शनिवार को उन्होंने लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस को कसूरवार ठहराया है। मायावती ने राहुल गांधी के श्रमिकों के दुख-दर्द बांटने संबंधी वीडियो पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि वीडियो में हमदर्दी कम नाटक ज्यादा लग रहा है। दरअसल, राहुल गांधी ने शनिवार को प्रवासी मजदूरों से बातचीत का वीडियो शेयर किया था।
बीएसपी चीफ मायावती ने शनिवार को ट्वीट कहा कि 'आज पूरे देश में कोरोना संक्रमण से लागू लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है। क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान यदि रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव और शहरों में की होती तो श्रमिकों को दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता। कांग्रेसी नेता द्वारा लाॅकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम, नाटक ज्यादा लगता है। कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।'
1. आज पूरे देश में कोरोना लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता? 1/4— Mayawati (@Mayawati) May 23, 2020
बसपा प्रमुख व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि 'बीजेपी की केंद्र राज्य सरकारें कांग्रेस के पद चिह्नों पर न चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों व शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी।'
3. साथ ही, बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी। — Mayawati (@Mayawati) May 23, 2020
मायावती ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि 'बीएसपी के लोगों से भी फिर से अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गांवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है तो ऐसे लोगों को भी अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें। मजलूम ही मजलूम की सही मदद कर सकता है।
यूपी कांग्रेस ने मायावती के ट्वीट पर किया पलटवार
बीएसपी चीफ मायावती के ट्वीट पर पलटवार करते हुए यूपी कांग्रेस ने कहा है कि 'कांग्रेस की मनरेगा जैसी योजनाएं इस आपदा के दौर में सबसे ज्यादा काम आ रही हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने न्याय योजना लागू कर किसानों के बैंक अकाउंट में सीधा पैसा डालना शुरू किया। आपने यूपी की जनता को लूट कर अपना महल खड़ा किया और इस संकट के समय उस महल को मदद के लिए खोला भी नहीं।'
कांग्रेस की मनरेगा जैसी योजनाएं इस आपदा के दौर में सबसे ज्यादा काम आ रही हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने न्याय योजना लागू कर किसानों के बैंक अकाउंट में सीधा पैसा डालना शुरू किया।
आपने यूपी की जनता को लूट कर अपना महल खड़ा किया और इस संकट के समय उस महल को मदद के लिए खोला भी नहीं। https://t.co/xoNkvnVIIc" rel="nofollow — UP Congress (@INCUttarPradesh) May 23, 2020
यूपी कांग्रेस ने मायावती से सवाल किया कि 'क्या इस आपदा के दौरान मायावती जी के महल को एक दिन के लिए भी गरीबों, वंचित लोगों के लिए खोला गया। क्या उनके महल से किसी को मदद मिली? मान्यवर कांशीराम के नाम पर बनी अधिकतर कालोनियों में राशन नहीं पहुंच रहा है, लेकिन इस महल से क्या वहां मदद पहुंचाई गई?'