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उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण राजनीति में उबाल जारी, विपक्ष ने कहा- मान सम्मान व सुरक्षा की गारंटी जरूरी

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा- यूपी की भाजपा सरकार द्वारा गरीब ब्राह्मणों का बीमा कराने की बात इस वर्ग के प्रति केवल अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए ही लगती है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 07:06 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण राजनीति में उबाल जारी, विपक्ष ने कहा- मान सम्मान व सुरक्षा की गारंटी जरूरी
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण राजनीति में उबाल जारी, विपक्ष ने कहा- मान सम्मान व सुरक्षा की गारंटी जरूरी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण राजनीति में बयानों से आया उबाल अभी थमा नहीं है। भाजपा की ओर से अधिकृत टिप्पणी भले ही न की गई हो, लेकिन कई विधायक और पदाधिकारी आरोप प्रत्यारोप की जंग में कूद गए है। विधायक देवमणि द्विवेदी व उमेश द्विवेदी के बयानों ने भाजपा को ही उलझन में डाल दिया है। तो वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने ब्राह्मण समाज के लिए सम्मान व सुरक्षा की मांग की है।

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सुलतानपुर की लंभुआ विधानसभा सीट के भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने ब्राह्मण उत्पीड़न की घटनाओं की गत तीन वर्षों की जानकारी विधानसभा में लेने की घोषणा करके सरकार की उलझन बढ़ा दी है। वहीं भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी ने गरीब ब्राह्मणों को बीमा सुविधा दिलाने की मांग उठाकर विवाद को हवा दे दी है।

बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को ट्वीट करके ब्राह्मण समाज के लिए सम्मान व सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा- यूपी की भाजपा सरकार द्वारा गरीब ब्राह्मणों का बीमा कराने की बात इस वर्ग के प्रति केवल अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए ही लगती है, जबकि ब्राह्मण समाज को वास्तव में बीमा से पहले सरकार से अपने मान सम्मान व पूरी सुरक्षा की गारंटी चाहिए। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर है। राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में केवल ब्राह्मण ही नहीं, प्रत्येक वर्ग के लोग स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार को ब्राह्मणों में भय व असुरक्षा की भावना को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

माहौल खराब न करने की हिदायत : जिन भाजपा विधायकों द्वारा बयानबाजी से माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, उनके साथ क्षेत्रीय अध्यक्षों व अन्य वरिष्ठ नेताओं को वार्ता करने के लिए कहा गया है। विधानसभा के मानसून सत्र में सदन के भीतर वातावरण न बिगड़े, इसके लिए विधायक समूहों के नेता व सचेतकों को संपर्क संवाद बनाए रखने को कहा गया है। विधायक दल की वर्चुअल बैठक में भी यही मुद्दा हावी रहेगा।


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