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Bollywood Drug Case News: राजा बुंदेला के बेहद गंभीर आरोप- रिया और भाई नशे के कारोबारी, एकता कपूर ने माहौल बिगाड़ा

Bollywood Drug Case News फिल्मों के बाद राजनीति में उतरे राजा बुंदेला ने साफ कहा है कि रिया चक्रवर्ती और उसका भाई नशे के सामान के बड़े कारोबारी हैं। इन दोनों ने फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी संख्या में लोगों को अपने कारोबार के कारण नशे का लती बना दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 05:52 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:59 PM (IST)
Bollywood Drug Case News: राजा बुंदेला के बेहद गंभीर आरोप- रिया और भाई नशे के कारोबारी, एकता कपूर ने माहौल बिगाड़ा
राजा बुंदेला इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने फिल्म तथा सीरियल निर्माता एकता कपूर पर भी गंभीर आरोप लगाया।

महोबा, जेएनएन। बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष तथा प्रख्यात फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला भी बॉलीवुड में नशे के कारोबार पर हो रहे बड़े विवाद में कूद पड़े हैं। इसके साथ ही कृषि बिल को उन्होंने देश के गरीब किसान का हित करने वाला बताया है।

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फिल्मों में अभिनय करने के बाद राजनीति में उतरे राजा बुंदेला ने साफ कहा है कि रिया चक्रवर्ती और उसका भाई शोविक चक्रवर्ती नशे के सामान के बड़े कारोबारी हैं। इन दोनों ने फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी संख्या में लोगों को अपने कारोबार के कारण नशे का लती बना दिया है। दोनों ने बीते तीन-चार वर्ष में ही फिल्म इंडस्ट्री का माहौल बेहद खराब कर दिया है। उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत केस अभी तो कोर्ट में है, लेकिन रिया और उसका भाई मिलकर उनका नाम प्रयोग करने के साथ ही उनके संबंधों का लाभ उठाकर नशे के कारोबार को बढ़ा रहे थे।

राजा बुंदेला इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने फिल्म तथा सीरियल निर्माता एकता कपूर पर भी बेहद गंभीर आरोप लगाया है। बुंदेला ने कहा कि एकता कपूर ने भारतीय संस्कृति और हमारी सामाजिक परंपरा को बरबाद कर दिया है। फिल्मों व सीरियल के बाद अब वह वेब सीरीज में ऐसे सीरियल बना रही हैं, वह पैसा कमाने के चक्कर में युवा पीढ़ी को क्या परोस रही हैं, इसका उनको अनुमान नहीं है।

किसानों को बरगला रहा है विपक्ष

कृषि बिल पर किसानों से बात करने महोबा पहुंचे राजा बुंदेला ने कहा कि विपक्ष किसानों को बरगला रहा है, लेकिन यह तो तय है कि किसान इनके बहकावे में आने वाला नहीं है। इस कृषि बिल से हमारे किसानों को आढ़तियों से निजात मिलेगी। वह अपनी फसल कहीं पर भी और किसी को भी बेचने के लिए स्वतंत्र है। कृषि विधेयक लाभकारी व किसानों के लिए क्रांतिकारी कदम है। इस विधेयक से देश के करीब छह लाख आढ़तियों का नुकसान है। इसी कारण विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियां किसानों को बरगला रही है।

कृषि अध्यादेश लागू होने के पहले किसानों को मंडी में अनाज बेचना पड़ता था। अब किसान बिना टैक्स कहीं भी अपनी उपज मनमाफिक दर पर बेच पाएगा। नया बिल इंटर स्टेट ट्रेड को प्रोत्साहित करता है। किसान अपने उत्पाद को दूसरे राज्यों में स्वतंत्र रूप से बेच सकेंगे। अब कोई राज्य व केन्द्रीय कर नहीं लगेगा। इससे खरीददार व विक्रेता को लाभ मिलेगा। नए कानून से किसान बड़े व्यापारी और निर्यातकों के साथ जुड़ पाएंगे। 


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