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कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत अब अफसर से मारपीट करने में फंसे

झारखंड में लोहरदगा के कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत अब कार्यालय में घुसकर अधिकारी से मारपीट करने में फंसे हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 29 May 2018 11:31 AM (IST)Updated: Tue, 29 May 2018 12:10 PM (IST)
कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत अब अफसर से मारपीट करने में फंसे
कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत अब अफसर से मारपीट करने में फंसे

जागरण संवाददाता, लोहरदगा। कार्यालय में घुसकर अधिकारी से मारपीट करने में अब लोहरदगा के कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत फंसे हैं। लोहरदगा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गंगा राम ठाकुर ने विधायक समेत आठ लोगों पर मारपीट करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। एक पखवाड़े पहले पलामू के पांकी विधायक देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू पर भी एक अधिकारी ने कार्यालय में घुसकर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था।

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लोहरदगा के नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गंगा राम ठाकुर द्वारा डीसी-एसपी को दिए गए आवेदन के बाद उपरोक्त मामले में विधायक सुखदेव भगत के अलावा नगर परिषद अध्यक्ष अनुपमा भगत, कांग्रेस के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष और विधायक प्रतिनिधि आलोक कुमार साहू, नगर परिषद के प्रधान सहायक गजेंद्र राम, विधायक के सुरक्षा में तैनात कार्बाइनधारी व रायफलधारी चार अंगरक्षकों के साथ-साथ विधायक के अन्य समर्थकों के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

आवेदन में कहा गया है कि 15 मई, 2018 को विधायक समेत उपरोक्त सभी लोगों ने कार्यालय में घुसकर ईओ से मारपीट की, हथियार तानकर धमकाया, जबरन घसीटकर वैन में बिठाया और जातिसूचक गालियां दीं। इसके अलावा आरोपितों ने उनका मोबाइल छीन लिया और कार्यालय में अपराधी की तरह बंदी बनाए रखा। विधायक के समर्थक इस दौरान प्रताड़ित करने का मोबाइल पर वीडियो भी बना रहे थे। इस दौरान विधायक ने उनसे बलपूर्वक सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर भी कराया। विधायक के सहयोगी व समर्थक कार्यालय से सरकारी संपत्ति भी साथ ले गए और बिना अनुमति रोकड़ पंजी सहित अन्य कागजात का अवलोकन कर कागजात का मोबाइल में फोटो खींचा।

ईओ ने कहा है कि वह इस घटना से काफी डरे हुए हैं। ऐसे में ईओ ने सुरक्षा की भी मांग की है। इस मामले में विधायक सुखदेव भगत का कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की है। इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। नगर परिषद पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका था। इसकी पड़ताल शुरू की, बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गंगा राम ठाकुर से उनके कार्यालय में बातचीत की थी, जिसका प्रमाण भी है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। पुलिस अनुसंधान के बाद सारी सच्चाई जनता के सामने आ जाएगी।

रोकड़पाल को हटाकर प्रधान सहायक को प्रभार देने का बना रहे थे दबाव

एसपी को दिए आवेदन में ईओ ने कहा है कि 15 मई 2018 को अपराह्न 3.30 बजे विधायक सुखदेव भगत द्वारा आलोक साहू के माध्यम से विधायक आवास आने को कहा गया। चंद मिनट के बाद विधायक के बाहर जाने की बात कहते हुए तुरंत आने का दबाव बनाया गया। वे 4 बजे विधायक आवास पहुंचे तो कार्यालय के प्रधान सहायक गजेंद्र राम कर्मियों के कार्य बंटवारे का आदेश पत्र लेकर पहले से ही वहां मौजूद थे। सफदर आलम रोकड़पाल का काम करते रहे हैं। उन्हें उनके पद से हटाकर प्रधान सहायक गजेंद्र राम को प्रभार देने का दबाव विधायक द्वारा दिया जा रहा था। इस प्रकरण में गजेंद्र राम की भूमिका संदेहास्पद रही है। इसी बात को लेकर विधायक आवास से लेकर नगर परिषद कार्यालय में और वाहन पर बिठाकर कार्यालय ले जाते समय रास्ते में उनसे विधायक व उनके समर्थकों ने कई बार मारपीट की।

प्रमुख कर्मियों का पुन: कार्य बंटवारा कर सहायक सफदर आलम को हटाकर गजेंद्र राम को प्रभार देने का आदेश 15 मई 2018 को ज्ञापांक 440 के माध्यम से दिया गया। इस पर विधायक से 13 मई को ही दूरभाष पर अनुमति ली जा चुकी थी। ईओ ने कहा है कि विधायक से सहमति व उनके आदेश पर निकाले गए आदेश पत्र पर भी विधायक द्वारा आपत्ति व्यक्त की गई। इस दौरान विधायक गुस्से में आपे से बाहर हो गए। उन्होंने गालियां देते हुए कार्यालय आदेश को फाड़ दिया।

विधायक ने कहा कि आज मेरे पिताजी की पुण्यतिथि है, आवास में नहीं मारेंगे। कार्यालय चलो वहीं मारेंगे। विधायक ने धमकी देते हुए कहा कि यदि शाम 6 बजे तक ईओ लोहरदगा नहीं छोड़ते हैं तो समर्थकों से सार्वजनिक रूप से पिटवाएंगे। इसी बीच, विधायक के सुरक्षाकर्मियों ने उन पर बंदूक तानकर धमकाया। उनके साथ कई बार मारपीट की गई और प्रधान सहायक द्वारा जबरन तैयार आदेश पत्र में हस्ताक्षर कराया गया।

सारे आरोप निराधारः विधायक

भ्रष्टाचारियों का अड्डा बना था नगर परिषद, सारे आरोप निराधार हैं, पुलिस के अनुसंधान में सभी मामलों का खुलासा होगा।

-सुखदेव भगत, विधायक, लोहरदगा 


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