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पश्चिम बंगाल को अलग देश बनाने में जुटी हैं ममता: भाजपा

पीएम की आयुष्मान भारत से बंगाल को अलग करने का ममता ने एलान किया है। दिलीप घोष ने तीखी टिप्पणी की और कहा कि दरअसल ममता पश्चिम बंगाल को अलग देश बनाना चाहती हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 09:59 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 09:59 AM (IST)
पश्चिम बंगाल को अलग देश बनाने में जुटी हैं ममता: भाजपा
पश्चिम बंगाल को अलग देश बनाने में जुटी हैं ममता: भाजपा

कोलकाता, जागरण संवाददाता। पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत से बंगाल को अलग करने का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एलान किया है। इस को लेकर शुक्रवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने तीखी टिप्पणी की और कहा कि दरअसल ममता पश्चिम बंगाल को अलग देश बनाना चाहती हैं।

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उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत सरकार की हर परियोजना से खुद को दूर कर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को पश्चिमी बांग्लादेश बनाने में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को देश या राज्य के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें अपना राजनीतिक स्वार्थ देखना है। दिलीप ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सड़क से लेकर शौचालय तक, नेशनल हाईवे से लेकर हफ्ता वसूली तक हर जगह ममता बनर्जी की तस्वीरें लगी हैं। स्वच्छ भारत परियोजना को ममता ने निर्मल बांग्ला का नाम दे दिया है और हर जगह बनने वाले शौचालय के गेट पर उनकी बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगा दी गई है।

बंगाल के जिलाधिकारी हर जगह घूम कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के बोर्ड पर ममता बनर्जी के नाम की पट्टी चस्पा रहे हैं, यह सब लोग देख रहे हैं। राज्यभर में जो भी काम होता है वह उन्हीं की प्रेरणा से हो रहा है। इसीलिए हफ्ता वसूली से लेकर हत्या, अपराध और हर तरह के गैरकानूनी कार्य करने वाले उनकी तस्वीर लगा कर रखते हैं। विकास के काम में प्रधानमंत्री की तस्वीर उनसे बर्दाश्त नहीं हो रही।

इसीलिए उन्होंने आयुष्मान भारत से राज्य सरकार का समर्थन वापस खींच लिया है। दिलीप ने कहा कि इससे ममता बनर्जी को न तो कोई राजनीतिक लाभ होने वाला है और न ही भाजपा को कोई नुकसान। गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलने की जो शुरुआत हुई थी, उससे पश्चिम बंगाल के लोग वंचित हो जाएंगे। घोष ने आरोप लगाया कि ममता की राजनीति केवल और केवल पश्चिम बंगाल को विकास की योजनाओं से वंचित करने की है।

उन्होंने मुख्यमंत्री के उस फैसले पर भी टिप्पणी की जो उन्होंने सभी विश्र्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रधानमंत्री के वीडियो कॉन्फ्रेंस में भागीदार नहीं बनने को लेकर लिया है। दरअसल आगामी 29 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के सभी विश्र्वविद्यालयों के कुलपतियों से बात करेंगे लेकिन ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिम बंगाल का कोई भी विश्र्वविद्यालय इसमें भाग नहीं लेगा।

इस बारे में पूछने पर दिलीप घोष ने कहा कि ममता का इरादा बंगाल को देश से अलग करने का है। जब तक वह सत्ता में हैं तब तक उनकी कोशिश है कि पश्चिम बंगाल को किसी भी तरह से पश्चिमी बांग्लादेश के रूप में तब्दील कर दिया जाए। इससे राज्य के लोगों को नुकसान हो रहा है। आने वाले चुनाव में लोग मतदान के जरिए उन्हें इसकी सजा देंगे। 


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