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ग्राउंड रिपोर्ट: शाहजहांपुर में भाजपा के नाम रिकार्ड, सपा इस तरह देगी चुनौती

यहां काकोरी एक्शन के नायक पं. राम प्रसाद बिस्मिल व अशफाक उल्ला खां ने जन्म लिया तो रामचंद्र जी महाराज ने यहां से विश्व को अध्यात्म का संदेश दिया। राजनीति में भी शहर सीट का इतिहास उतना ही मजबूत रहा। वोटर 32 वर्षों से एक दल पर भरोसा जता रहे।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 10:03 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 10:03 AM (IST)
ग्राउंड रिपोर्ट: शाहजहांपुर में भाजपा के नाम रिकार्ड, सपा इस तरह देगी चुनौती
शाहजहांपुर का शहीद संग्रहालय कुछ दिन पहले ही बनाया गया हैै।

जेएनएन, शाहजहांपुर: यहां काकोरी एक्शन के नायक पं. राम प्रसाद बिस्मिल व अशफाक उल्ला खां ने जन्म लिया, तो रामचंद्र जी महाराज ने यहां से विश्व को अध्यात्म का संदेश दिया। स्काउट गाइड के जनक श्रीराम वाजपेयी, विश्व के प्रथम असंगत नाटककार भुवनेश्वर, कथाकार हृदयेश मेहरोत्रा, कवि दादा राजबहादुर विकल, दामोदर स्वरूप विद्रोही, अग्निवेश शुक्ल जैसी तमाम शख्सियतों ने इस शहर को अलग पहचान दी। राजनीति में भी शहर सीट का इतिहास उतना ही मजबूत रहा। यहां के वोटर 32 वर्षों से एक ही दल पर भरोसा जता रहे। इस अवधि में विभिन्न दलों की सरकारें बनीं मगर, भाजपा का किला बचा रहा। यहां भी चुनाव में मुद्दे हावी रहते हैं लेकिन, जब मतदान की बारी आती है तो वोटों का ध्रुवीकरण हार-जीत तय कर देता है। इस बार सुरेश कुमार खन्ना नौंवी बार जीत के लिए प्रयास करेंगे तो सपा उनका रास्ता रोकने के लिए तैयार खड़ी है। 14 फरवरी को लेकर यहां की जनता का इस बार रुख क्या है यह जानने की कोशिश की जिला प्रभारी अंबुज मिश्र ने।

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लगातार आठ बार से इस सीट पर सुरेश कुमार खन्ना भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत रहे हैं। नौंवी बार फिर से मैदान में हैं। शहर के विसरात में बना हनुमत धाम। यह स्थान अब प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी यहां की पहचान बन चुका है। इसी स्थान पर हमें कुछ लोग बैठे मिले। बोले, चुनाव में हर बार खुलकर वोट देते थे लेकिन, इस बार अभी तय नहीं किया है। यहां नियमित सेवा करने वाले सराफा व्यवसायी विपिन यादव बोले कि भाजपा सरकार आनी चाहिए। शहर में जो बदलाव व विकास पांच साल में हुआ, पहले उतना काम नहीं हो सका। उनके साथ मौजूद लोग सहमत थे। ई-बस में सफर कर रहे रेती मुहल्ला निवासी राजीव वर्मा कहते हैं कि योगी सरकार फिर से आने की संभावना है। विकास कार्य काफी हुए हैं। परिवार के साथ बस में बैठे जंगबहादुरगंज निवासी राकेश का कहना था कि अभी कुछ कहा नहीं जा सकता कि किसकी सरकार आएगी। कांटे की टक्कर होगी। शहर से सटे मऊ गांव निवासी मोहम्मद युसूफ का कहना है कि जनता बदलाव चाह रही है। मुस्लिम समाज का अधिकांश वोट सपा में ही जाएगा। हथौडिय़ा गांव के वेदराम ने बताया कि पिछली बार भाजपा को वोट दिया था, पर सरकार से निराश हैं। इस बार सपा को वोट देंगे। मंगल खान व खालिद ने बताया कि वे लोग शहर विधायक के नाम पर वोट देते हैं। सरकार से संतुष्ट नहीं हैंं।

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शहर से सटे गांव का हाल

इसी विधानसभा का गांव है रमापुर बरकतपुर। वहां विद्यालय में महिलाएं व पुरुष चुनावी चर्चा को एकत्र थे। गांव के सुनील सिंह बोले कि वह स्वयं काफी समय सपा से जुड़े रहे, पर अबकी बार लगता है कि सरकार भाजपा की ही आएगी। वजह बताई कि काम अच्छे हुए हैं। विद्यालय प्रबंधक सुशील कुमार सिंह ने सहमति जतायी। कहा कि कमियां सभी में होती हैं लेकिन, इस सरकार ने कानून व्यवस्था, राशन वितरण पर अच्छा काम किया। सुबोध कुमार कुछ योजनाएं तो गिनाते हैं मगर, रेल लाइन का मुद्दा अब तक हल नहीं होने से नाराज भी हैं। अंडरपास या क्रासिंग की मांग काफी समय से हो रही है लेकिन, कोई ध्यान नहीं दे रहा। छह किमी का अतिरिक्त फेर लगाना पड़ता है। ज्ञानेंद्र सिंह बोले, यह क्षेत्र का बड़ा मुद्दा है। अगर यह हल हो जाए तो करीब दस गांव के लोगों को राहत मिल जाएगी। सरकार के मुद्दे पर बोले कि अगर बेसहारा पशुओं की समस्या न होती तो मामला एकतरफा होता। सुनील चंद सहमत नहीं थे। उनका कहना था कि सरकार सपा की ही बनेगी। क्योंकि जो काम सपा ने कराए, भाजपा ने उन पर अपना नाम लगाया। कुछ काम अच्छे रहे, पर बेसहारा पशुओं के लिए सरकार ही ही जिम्मेदार है। किसान परेशान घूम रहा है। मुफ्त गल्ला दे रहे हैं तो जनता पर टैक्स भी बढ़ाया जा रहा है।

महिलाओं व बुजुर्गों की सुनें

नन्ही कहती हैं कि पशुओं की समस्या गांव वालों ने खड़ी की है। अच्छाइयां भी देखनी चाहिए। विमला देवी मुफ्त राशन मिलने से खुश थीं। बोलीं महंगाई कम करने पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। मानवेंद्र सिंह का बोले कि भाजपा बनेगी, नीतियां अच्छी हैं। मुफ्त राशन मिल रहा। विकास कार्य तेजी से हो रहा है। आनलाइन व्यवस्था से भ्रष्टाचार कम हुआ। बेसहारा पशु कहीं बाहर से नहीं आए। उन्हें बांधकर रखना चाहिए। बुजुर्ग राजपाल भी उनसे सहमत थे। बोले जनता को भी जिम्मेदार बनना चाहिए, पर ननकू का कहना था कि समाधान सरकार को ही करना चाहिए।

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राहत

- नगर निगम बना, ई बस चीं

- रिंग रोड बना व कर्मचारी बीमा निगम का अस्पताल स्वीकृत

- 377 करोड़ बजट के साथ सीवर लाइन स्वीकृत हुई

समस्या::

- जलभराव बड़ी समस्या

- कूड़ा निस्तारण के इंतजाम नहीं

- कुछ संपर्क मार्ग अब भी नहीं बन सके

खन्ना और खां

वर्ष 2017 में सुरेश कुमार खन्ना लगातार आठवीं बार विधायक बने। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हेें कैबिनेट मेें वित्त, चिकित्सा शिक्षा व संसदीय कार्य मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी दीं। शहर में खाता खोलने की तैयारी में सपा ने इस बार लगातार तीसरी बार उनके सामने जिलाध्यक्ष तनवीर खां को मैदान में उतारा है।

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कांग्रेस व बसपा

अधिकतर लोग मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच मानते हैं। इस बीच कुछ-कुछ स्थानों पर बसपा और कांग्रेस की चर्चा भी होती है। देहात क्षेत्र में बसपा के वोटर परिणाम का इंतजार करने की बात कहते हैं।

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शहर विधानसभा की स्थिति

वर्ष 1952 में हकीम हबीब उर रहमान, 1957 में अशफाक अली चुनाव जीते, लेकिन 1959 में उपचुनाव हुआ और दर्शन सिंह को जीत मिली। 1962, 1967 में मो. रफी खान, 1969 में उमाशंकर शुक्ला, 1974 व 1977 में मोहम्मद रफी खान, 1980 में नवाब सादिक अली, 1985 में नवाब सिंकदर अली खान चुनाव जीते। 1989 से अब तक सुरेश कुमार खन्ना विधायक हैं।

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वर्ष 2012 का परिणाम

- सुरेश कुमार खन्ना - 81581-भाजपा

- तनवीर खां - 65403 - सपा

वर्ष 2017 का परिणाम

- सुरेश कुमार खन्ना - 100734 - भाजपा

- तनवीर खां - 81531 - सपा

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फैक्ट फाइल :

कुल मतदाता -407293

पुरुष मतदाता -220212

महिला मतदाता- 187049

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