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बंगाल की शिक्षा प्रणाली पर BJP ने उठाए सवाल, दिलीप बोले- कॉलेज और विवि राजनीतिक अखाड़े बने

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी और शिक्षा मंत्री पर हमला बोला।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:29 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 09:29 PM (IST)
बंगाल की शिक्षा प्रणाली पर BJP ने उठाए सवाल, दिलीप बोले- कॉलेज और विवि राजनीतिक अखाड़े बने
बंगाल की शिक्षा प्रणाली पर BJP ने उठाए सवाल, दिलीप बोले- कॉलेज और विवि राजनीतिक अखाड़े बने

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी और शिक्षा मंत्री पर हमला बोला। विभिन्न मुद्दों पर राज्य के शिक्षा विभाग के साथ राज्यपाल का टकराव सामने आया है। दो दिन पहले बर्द्धमान विश्वविद्यालय के प्रो कुलपति की नियुक्ति पर विवाद हुआ था। बाद में भले ही विवाद सुलझ गया, लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य की शिक्षा प्रणाली को लेकर शिक्षामंत्री पर तीखे वार किए। उन्होंने शिकायत की कि यद्यपि राज्य में शिक्षा क्षेत्र में कई परियोजनाएं शुरू की गईं, लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जा रहा है। केंद्र शिक्षा विभाग को पैसा भेज रहा है। पैसा खर्च करने में सक्षम नहीं होने के कारण फंड वापस चला जा रहा है।

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उन्होंने एक आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि राज्य के 4034 स्कूलों के बुनियादी ढांचे के लिए केंद्र द्वारा 395 करोड़ दिए गए थे। लेकिन कुछ भी काम नहीं नहीं हुआ। दिलीप ने आरोप लगाया कि राज्य के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का माहौल नहीं है। इसके विपरीत, विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छात्रों से मोटी रकम ली जा रही है। दिलीप घोष ने शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पर कॉलेज और विश्वविद्यालयों को 'राजनीतिक अखाड़ा' बनाकर सत्ता में बने रहने की कोशिश हो रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आगे आरोप लगाया कि 100 दिनों के काम के लिए आए पैसे की लूट हो रही है राज्य में भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि बंगाल को 100 दिनों के काम के लिए सबसे अधिक पैसे मिले और सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है। नेताओं को पचास फीसद पैसे जा रहे हैं। अन्य आधे में लोग काम कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देते हुए दिलीप ने कहा कि लोगों को बताएं कि विकास कहां हुआ है और केंद्र ने क्या असहयोग किया है। उन्होंने एम्फन के बाद की स्थिति से निपटने में राज्य की भूमिका के बारे में सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि तूफान से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजा गए रुपये तृणमूल के कैडर डेवलपमेंट फंड में जमा तो नहीं हो जाएगा? उन्होंने कहा कि यह राज्य के हित में होगा कि वह केंद्र सरकार की उस टीम के साथ सहयोग करे जो एम्फन की स्थिति का निरीक्षण के लिए आई है।


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