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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले- बंगाल में पद से बढ़कर कुछ भी नहीं, इस घमंड को तोड़ना होगा

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जंयती पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल में वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा- श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान नहीं गया

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 01:57 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 01:57 PM (IST)
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले- बंगाल में पद से बढ़कर कुछ भी नहीं, इस घमंड को तोड़ना होगा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले- बंगाल में पद से बढ़कर कुछ भी नहीं, इस घमंड को तोड़ना होगा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जंयती पर सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल में वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने वो करके दिखाया, जिसकी कल्पना डॉक्टर मुखर्जी ने की थी।

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उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए डॉक्टर मुखर्जी ने अपना बलिदान दे दिया। हमें आज खुशी है कि डॉ मुखर्जी जी का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। उनके बताए रास्तों पर करोड़ों कार्यकर्ता दिन- रात चले और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने वो मुकाम हासिल किया और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को धराशायी कर दिया।

भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि 1951 में डॉ मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की और जनसंघ के पहले अध्यक्ष बने। जिस जनसंघ की यात्रा से बढ़कर आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है, उसकी नींव रखने का काम डॉ मुखर्जी जी ने किया था। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की और 1952 में कानपुर के अधिवेशन में ये विषय रख दिया की जम्मू-कश्मीर का विलय पूर्ण होना चाहिए और संपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी ने स्पष्ट कहा था कि अनुच्छेद 370 के माध्यम से जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार क्यों दिया जा रहा है। लेकिन शेख अब्दुल्ला की चाल को अंजाम देने का काम नेहरू जी कर रहे थे। जिसका विरोध डॉ मुखर्जी ने किया था।

नड्डा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने जवाहर लाल नेहरू को चिट्ठी लिख कर कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाना चाहिए और एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। लेकिन, तत्कालीन प्रधानमंत्री ने चिट्ठी का जवाब तक नहीं दिया।

नड्डा ने कहा कि डॉ मुखर्जी की राष्ट्र भक्ति इस तरह थी कि उन्होंने अपना सब कुछ जम्मू कश्मीर के लिए लगाया। बंगाल के निवासी होने के बाद भी उन्होंने पंजाब के बड़े हिस्से को विभाजन से बचाया था। आज बंगाल भी मुखर्जी की वजह से अखंड भारत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर मुखर्जी ने नेहरू की तुष्टीकरण की राजनीति का भी विरोध किया था। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक आवाजों को दबाना कांग्रेस की पुरानी आदत है। नड्डा ने मुखर्जी की रहस्यमय मौत को लेकर कांग्रेस को घेरा और कहा कि आज तक लोगों को यह नहीं पता चला कि उनकी मौत किस परिस्थिति में हुई।

बंगाल में पद से बढ़कर कुछ भी नहीं, इस घमंड को तोड़ना होगा

इस दौरान नड्डा ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर भी तीखे प्रहार किए। भाजपा अध्यक्ष ने कहा- 'बंगाल में वर्तमान सरकार हर तरह से नाकाम साबित हो रही है। उस सरकार को बाहर करना है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बताए रास्ते पर चलकर हमें बंगाल के गौरव को वापस लाना है।'

नड्डा ने कहा- 'बंगाल में पद छोड़कर और कुछ है ही नहीं। पद के लिए सबकुछ करने को तैयार हैं। आज बंगाल में अपराधीकरण बहुत बढ़ गया है। जहां बल का प्रयोग होता है वहां विचारधारा समाप्त होती है। आज बंगाल जो विचार से ओत-प्रोत है, उसे कंठित करने का काम वर्तमान सरकार कर रही है। राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को जेल में डाला जा रहा है। इस घमंड को तोड़ना होगा।' 


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