Move to Jagran APP

जानें - भाजपा विधायक ने क्‍यों कहा, 14 नवंबर नहीं 27 दिसंबर को मनाया जाए बाल दिवस Gorakhpur News

भाजपा विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने गुरु गोविंद सिंह के बच्‍चों के नाम से बाल दिवस मनाए जाने की मांग की है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 04:35 PM (IST)
जानें - भाजपा विधायक ने क्‍यों कहा, 14 नवंबर नहीं 27 दिसंबर को मनाया जाए बाल दिवस Gorakhpur News
जानें - भाजपा विधायक ने क्‍यों कहा, 14 नवंबर नहीं 27 दिसंबर को मनाया जाए बाल दिवस Gorakhpur News

प्रदीप श्रीवास्‍तव, गोरखपुर। गोरखपुर के भाजपा विधायक डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने गुरु गोविंद सिंह के बच्‍चों के नाम से बाल दिवस मनाए जाने की मांग की है। उन्‍होंने कहा कि पूरी दुनिया के इतिहास में गुरू गोबिन्द सिंह के चारों पुत्रों अजीत सिंह, झुजारसिह, जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह के बलिदान से बडा बलिदान कभी हुआ ही नहीं। अजीत सिंह और झुजार सिंह युद्ध के मैदान में मारे गये तथा सात वर्षीय जोरावर सिंह और पांच वर्षीय फतेह सिंह को औरंगजेब ने जिन्दा ही दीवारों में चुनवा दिया।

loksabha election banner

27 दिसंबर को मने बाल दिवस

गोरखपुर के गुरुद्वारा श्रीगुरु सिंह सभा जटाशंकर में आयोजित कार्यक्रम में विधायक ने कहा कि 14 नवंबर जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता रहे लेकिन बाल दिवस के रूप में बच्चों के सामने गुरू गोबिन्द सिंह के पुत्रों के बलिदान (27 दिसंबर) के प्रतीक के रूप में मनाया जाना चाहिए, जिससे बच्चे उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें। इसके पूर्व विधायक ने गुरूद्वारा से झंडा दिखाकर नमन यात्रा को रवाना किया। नगर विधायक ने कहा कि तीज-त्योहार तथा विशेष दिवसों के आयोजन का उद्देश्य होता है कि लोग अपनी संस्कृति से परिचित हो सकें तथा इतिहास के गौरवशाली व्यक्तित्वों के जीवन से परिचित होकर उनसे प्रेरणा ले सके ।

सेना प्रमुख के बयान पर जताई आपत्ति

विधायक ने सेनाध्‍यक्ष के उस बयान को गलत बताया है जिसमें सेनाध्‍यक्ष ने नेताओं पर टिप्‍पणी की थी। अपने फेसबुक पेज पर लिखा है -

भारत सरकार तथा कैबिनेट कमेटी आन सिक्योरिटी इन्हें चीफ आफ डिफेन्स स्टाफ़ न बनाए यही बेहतर होगा। माननीय सेनाध्यक्ष जो शीघ्र ही सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, उनका बयान पूरी तरह सेना के नियमों के तहत गलत है। उन्हें ऐसी बयानबाज़ी नहीं करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर समझदारी में यह बयान दिया। जिन लोगों को यह बयान राष्ट्रभक्त की पीड़ा लगती है उन्हें भारत सरकार के आर्मी एक्ट 1950 की धारा - 21 को विस्तार से पढ़ लेना चाहिए और आर्मी के नियमों के साथ खेलने वालों के साथ खड़ा होने पर सोचना चाहिए। हमारी सेना की पूरी दुनिया में यही पहचान है कि वह पूरी तरह गैर-राजनैतिक है। जब यह खत्म होगा तो हम भी पाकिस्तान ही बनेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.