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UP विधानसभा उपचुनाव : BJP की निगाह अब सपा-बसपा के बुनियादी मतदाताओं पर

सपा-बसपा का गठबंधन टूट जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब इस टूट का लाभ लेने को तैयार है। अब प्रदेश भाजपा की निगाह दोनों के बुनियादी वोटरों पर टिक गयी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 07:08 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 08:03 AM (IST)
UP विधानसभा उपचुनाव : BJP की निगाह अब सपा-बसपा के बुनियादी मतदाताओं पर
UP विधानसभा उपचुनाव : BJP की निगाह अब सपा-बसपा के बुनियादी मतदाताओं पर

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन टूट जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब इस टूट का लाभ लेने को तैयार है। अब प्रदेश भाजपा की निगाह दोनों के बुनियादी वोटरों पर टिक गयी है।

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भाजपा ने जहां यादवों को साधने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है वहीं जाटवों को जोडऩे की भी मुहिम चल रही है। निकट भविष्य में प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव में अपने अनुकूल परिणाम के लिए भाजपा ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इस उप चुनाव में भाजपा अपना दलित फार्मूला भी बदल सकती है।

प्रदेश में जिन 12 सीटों पर उप चुनाव होने हैं उनमें चार सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। आरक्षित सीटों में बाराबंकी जिले की जैदपुर, बहराइच की बलहा, अलीगढ़ की इगलास और फीरोजाबाद की ट्रुंडला है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बाराबंकी के जैदपुर से पासी जाति के उपेंद्र रावत, बहराइच के बलहा से गौड़ जाति के अक्षयवर लाल, अलीगढ़ की इगलास से वाल्मीकि जाति के राजवीर दिलेर और फिरोजाबाद की टुंडला से धनगर जाति के प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल चुनाव जीते थे। इन चारों सीटों में भाजपा ने किसी पर जाटव उम्मीदवार नहीं दिये थे। संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा इस बार उप चुनाव में आरक्षित सीट पर जाटव उम्मीदवार भी उतार सकती है।

जाटवों के लिए संगठन में कसरत

जाटवों को साधने के लिए संगठन स्तर पर कसरत शुरू हो गई है। भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने गत दिनों प्रमुख दलित नेताओं की बैठक की। इस बैठक में जाटव नेताओं को आमंत्रित किया गया था। जाटव नेताओं को सदस्यता अभियान के लिए जवाबदेह बनाया गया। दलित बस्तियों में अभियान के तौर पर पार्टी के नेता सदस्य बनाएंगे। इसके लिए जाटव बहुल बूथ चिह्नित किये गये हैं। इन बूथों को भाजपा ने अपनी प्राथमिकता में रखा है।

गैर जाटव दलितों को पहले ही साध चुकी भाजपा

भाजपा गैर जाटव दलितों को पहले ही साध चुकी है। दलितों के सम्मेलन में कोरी, पासी, खटिक, वाल्मीकि, दुसाध, धनगर, धोबी आदि जातियों को विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में प्राथमिकता पर टिकट दिये और बड़ी संख्या में ये जीते। अब पार्टी इनके साथ ही मायावती की बिरादरी जाटवों को साधने में जुट गई है। 


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